बीमार पत्नी की देखभाल करने के लिए दरोगा पति ने ले लिया वीआरएस
पति-पत्नी का अटूट रिश्ता सात जन्मों तक चलता है. ऐसी प्राचीन मान्यताएं हैं. लेकिन वर्तमान समय में कुछ ऐसी घटनाएं हुई जिससे कहीं ना कहीं इस अटूट रिश्ते को भी लेकर लोग शंकाओं से देखने लगे हैं. लेकिन पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ अग्निशमन विभाग में तैनात दरोगा रविंद्र सिंह ने ऐसा निर्णय लिया है. जिससे पति पत्नी के अटूट रिश्ते को लेकर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है. दरअसल, रविंद्र सिंह ने अपनी पत्नी की सेवा करने के लिए 13 माह पहले ही अपनी नौकरी से वीआरएसलिया है. जिससे कि पत्नी का ध्यान रखें सके. बातचीत करते हुए कहा कि उनकी पत्नी ने उनके जीवन में हमेशा साथ दिया है. जिस वजह से वह विभाग में अच्छा कार्य करते रहे. आज जब पत्नी को उनकी आवश्यकता है. तो उन्होंने अपनी पत्नी की देखभाल करने के लिए यह निर्णय लिया.
गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं रविंद्र की पत्नी
रविंद्र कहते हैं कि उनकी पत्नी एक गंभीर रूप बीमारी से ग्रस्त हैं. जिसमें कि दवाई खाना हो, पानी पीना हो या खाना अगर उनके पास कोई ना बैठा हो तो कई बार गले में अटक जाता है. जो कि उनके लिए घातक साबित हो सकता है. ऐसे में डॉक्टर ने उनके पास हर पल किसी ना किसी व्यक्ति के रहने के लिए कहा है. ऐसे में जॉब पर रहते हुए अगर वह इस तरीके से देखभाल करते तो शायद दोनों के बीच न्याय से कार्य नहीं कर पाते. इसीलिए यह निर्णय लिया.
जॉब में मिला मान सम्मान
रविंद्र कहते हैं कि उनको अग्निशमन विभाग में कई पदों पर कार्य करते हुए कई जिलों में रहने का अवसर मिला. विभाग में काफी मान सम्मान मिला. मेरे दोनों बेटे एयर फोर्स में तैनात हैं. ऐसे में वह परिवार सहित वहीं रहते हैं. पुत्रवधू सहित बच्चों ने कहा कि माता की देखभाल हम कर लेंगे. लेकिन मैंने यह निर्णय लिया कि मैंने 40 साल की सेवा अपनी नौकरी में दे दी है. ऐसे में अब मुझे अपना पति धर्म निभाना चाहिए.
मैं भाग्यशाली हूं मुझे मिले ऐसे पति
रविंद्र की पत्नी कहती हैं कि वह काफी भाग्यशाली है कि उनके पति इतने अच्छे पति मिले हैं. आज के समय में जब हर कोई पैसों को तवज्जो देता है तो उस बीच उन्होंने उनकी देखभाल का खास ध्यान रखते हुए अपनी नौकरी से वीआरएस लिया है. बताते चलें कि मेरठ अग्निशमन अधिकारी संतोष कुमार राय के अनुसार रविंद्र सिंह को नियमानुसार सेवा निवृत्त होने से 13 माह पूर्व वीआरएस प्रदान कर दिया गया है. जिससे कि वह भविष्य में अपने पति धर्म को भी अच्छे से निभा सके.