नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर के किसान दिल्ली में करीब एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। कई किसान संगठन केंद्र के विरोध में राजधानी में डटे हुए हैं। अब इस कानून को लेकर दिल्ली के वरिष्ठ अर्थशास्त्रियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में किसानों के बाद अर्थशास्त्रियों ने तीनों कानूनों को वापस लेने की बात कही है। जनसत्ता के मुताबिक उनका कहना है कि ये कानून छोटे और मार्जिनल किसान के हित में नहीं हैं। इनमें नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल डिवेलपमेट से जुड़े डी. नरसिम्हा रेड्डी भी शामिल हैं। पत्र के माध्यम से उन्होंने सरकार से कहा है कि कृषि मार्केटिंग सिस्टम में बदलाव जरूरी थे लेकिन केंद्र का ये नया कानून कोई भी जरूरत पूरी नहीं करता है। इस पत्र में अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि केंद्र सरकार ने कानून बनाकर राज्य की भूमिका को नज़रंदाज़ किया है। इन कानूनों के बाद किसानों के हित में राज्य सरकारों की भूमिका नगण्य हो जाएगी और छोटे किसानों को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। आगे उन्होंने कहा है कि राज्य के नेतृत्व में मंडियां ज्यादा ठीक थीं, जबकि केंद्र के भीतर आने वाले बाजारों में बड़े व्यापारों को जगह मिलती है। इससे छोटे किसानों काफी नुकसान होगा। किसानों के उत्पाद की खरीद राज्य सरकारें अच्छी तरह कर सकती थी जबकि बड़े पैमाने पर केंद्र सरकार इस काम को ठीक से नहीं कर सकेगी।