अब मालदीव भी ड्रैगन के शिकंजे में! चीन सपोर्टर मोहम्मद मुइज ने जीता राष्ट्रपति चुनाव, इब्राहिम सोलिह की हार

मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार मोहम्मद मुइज ने शनिवार को जीत हासिल कर ली. चुनावी मतगणना में शुरुआत से ही उन्होंने अपनी बढ़त बनाए रखी और आखिरकार विजयी हुए. स्थानीय मीडिया के मुताबिक मुइज ने 53 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किया. ‘मिहारू न्यूज’ की खबर के अनुसार निवर्तमान प्रधानमंत्री इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को 46 प्रतिशत वोट मिले हैं और उन्हें मुइज के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा. इस जीत के साथ ही अब साफ हो गया है कि  मालदीव पर भी चीन का असर देखने को मिलेगा क्योंकि मुइज बीजिंग की नीतियों के समर्थक माने जाते हैं. स्थानीय मीडिया की मानें, तो 2008 में देश में बहुदलीय चुनाव होने के बाद से यह पहली बार है कि जब मालदीव के लोगों ने एक सत्तावादी चुनौती देने वाले के पक्ष में एक उदार लोकतांत्रिक सरकार को वोट दिया है. यह परिणाम सोलिह के लिए भाग्य के एक बड़े उलटफेर का भी प्रतीक है, जिन्होंने अपने पहले की सरकारों में किए गए मानवाधिकारों के हनन और भ्रष्टाचार पर व्यापक गुस्से के बीच 2018 में पिछला चुनाव भारी बहुमत से जीता था. इससे पहले, शुक्रवार को चुनाव के निर्णायक दौर के लिए लोगों ने मतदान किया. इस चुनाव को वस्तुत: एक जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा रहा था कि देश में भारत या फिर चीन में से किस क्षेत्रीय शक्ति का अधिक प्रभाव रहेगा. राष्ट्रपति पद के लिए सितंबर की शुरुआत में हुए मतदान के पहले चरण में मुख्य विपक्षी उम्मीदवार मोहम्मद मुइज और मौजूदा राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह में किसी को भी 50 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं मिल पाए थे.

सोलिह 2018 में पहली बार मालदीव के राष्ट्रपति बने थे
सोलिह 2018 में पहली बार राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे. सोलिह दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुनाव मैदान में उतरे और मुइज के इन आरोपों से जूझ रहे हैं कि उन्होंने भारत को देश में अनियंत्रित मौजूदगी की अनुमति दी थी. पहले चरण में मुइज को 46 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि सोलिह को 39 फीसदी मत प्राप्त हुए थे.

भारत समर्थक बनाम भारत विरोधी
सोलिह ने जोर देकर कहा कि मालदीव में भारतीय सेना की मौजूदगी सिर्फ और सिर्फ दोनों सरकारों के बीच हुए एक समझौते के तहत पोतगाह निर्माण के लिए है और इससे उनके देश की संप्रुभता को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. मुइज ने वादा किया है कि अगर वह चुनाव जीत जाते हैं, तो मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को वापस भेजेंगे और देश के कारोबारी संबंधों को संतुलित करेंगे. उनका कहना है कि वर्तमान में कारोबारी संबंध भारत के पक्ष में हैं.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *