पाकिस्तान के सांसद अयाज सादिक ने भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को लेकर सनसनीखेज दावा किया है कि भारत के हमले की डर की वजह से पाकिस्तान ने जल्दबाजी में विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा किया था। पाकिस्तानी सांसद के इस बयान पर भारतीय वायुसेना के पूर्व चीफ बीएस धनोआ की प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने कहा है कि पाकिस्तानी सांसद ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को लेकर जो बातें कही हैं वह एकदम सही हैं, क्योंकि उस वक्त हमारा रुख काफी आक्रामक था और हम हमले की तैयारी में थे। अभिनंदन को पिछले साल फरवरी में पाकिस्तानी वायुसेना के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के दौरान उनका मिग-21 दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उन्हें पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने पकड़ लिया था।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में बीएस धनोआ ने वायुसेना ने पाकिस्तान की फॉर्वर्ड ब्रिगेड पर हमले की पूरी तैयारी कर ली थी और उस दौरान भारतीय सैन्य रुख काफी आक्रामक था। उन्होंने कहा, ‘मैंने अभिनंदन के पिता से वादा किया था कि हम निश्चित रूप से अभिनंदन को वापस लेकर आएंगे। पाकिस्तानी सांसद ने जो कहा है, वह इसलिए क्योंकि उस दौरान हमारा रुख बहुत ही आक्रामक था। उन्हें हमारी सैन्य ताकत का अंदाजा था और हम पाक की अग्रिम ब्रिगेडों का सफाया करने के लिए पूरी तरह से तैयार थे।
एएनआई से बातचीत में बीएस धनोवा ने आगे कहा कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान पर कूटनीतिक और रणनीतिक तौर पर दबाव था। हमें 1999 में कारगिल की घटना याद है जब पाकिस्तान ने अंतिम समय पर धोखा दिया था, इसलिए हम सतर्क थे। उन्होंने कहा कि मैंने अभिनंदन के पिता के साथ काम किया है और मैंने उन्हें वादा किया था कि अभिनंदन को हम वापस लाएंगे।
दरअसल, बीएस धनोवा की यह प्रतिक्रिया उस बयान पर आई है, जब पाकिस्तान के सांसद अयाज सादिक ने कहा कि भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन को लेकर बुलाई गई बैठक में खुद पीएम इमरान खान ने आने से इनकार कर दिया था। उसमें पाक आर्मी चीफ आए तो मगर उनके पैर कांप रहे थे और चेहरे पर पसीना था, कहीं भारत अटैक न कर दे। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि अगर अभिनंदन को सीमा पार नहीं जाने देंगे तो भारत रात 9 बजे पाकिस्तान पर हमला कर देगा।
उन्होंने आगे कहा, ‘कुलभूषण के लिए हम अध्यादेश लेकर नहीं आए थे। इस सरकार ने एक-दो महीने अध्यादेश छिपाकर रखा। हमने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में इतनी एक्सेस नहीं दी थी जितनी इस सरकार ने। उन्होंने आगे कहा- ‘मुझे याद है शाह महमूद साहब उसे मीटिंग में थे, जिसमें प्रधानमंत्री साहब ने आने से इनकार कर दिया। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ आए लेकिन उनके पैर कांप रहे थे और पसीने माथे पर थे।’
सादिक ने आगे कहा, ‘विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी साहब ने इस मीटिंग के दौरान कहा कि खुदा का वास्ता है कि अभिनंदन को वापस भारत जाने दें, क्योंकि 9 बजे रात को हिन्दुस्तान पाकिस्तान के ऊपर हमला कर रहा है।’ उन्होंने कहा कि कोई हिन्दुस्तान को कोई हमला नहीं करना था, बल्कि इन्होंने घुटने टेंक कर वापस अभिनंदन को भेजना था। जो इन्होंने किया।
गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हमला किया गया था, जिसमें 40 अर्धसैनिक बलों के जवान शहीद हुए थे। इसके बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना के जवानों ने इसके जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में आधी रात को हमला कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण शिविर को ध्वस्त कर दिया था। इससे बौखलाए पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में भारत पर जवाबी कार्रवाई की कोशिश की,, मगर उसके सभी मंसूबों को भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया गया। पाकिस्तान ने एयर टू एयर मिसाइल दागने के लिए अपने सबसे अडवांस विमान एफ-16 का इस्तेमाल किया। वहीं मिराज-IIIएस को ग्राउंड मिसाइल हमले के लिए इस्तेमाल किया।
उसी दौरान भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने अपने मिग-21 से आर-73 मिसाइल दागते हुए पाकिस्तान का एफ-16 लड़ाकू विमान गिरा दिया था। लेकिन इस दौरान उनका मिग-21 विमान क्रैश हो गया और वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जा गिरे थे। वहां पर पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया था। हालांकि, इसके बाद पाकिस्तान पर काफी दबाव बनाया गया, जिसके बाद अभिनंदन को अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत वापस लौटाया गया था।