अयोध्या में भव्य राममंदिर के लिए 15 जनवरी से जुटाया जाएगा चंदा, 10, 100 और 1000 रुपए के होंगे कूपन

अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए आम लोगों से सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद अभियान चलाएगी। इसकी शुरुआत मकर संक्रांति (15 जनवरी) से होगी और माघ-पूर्णिमा तक जारी रहेगी। इस बात की घोषणा विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर के लिए देश भर के प्रत्येक राम भक्त का सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे।

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण अभियान की घोषणा करते हुए चंपत राय ने कहा कि आगामी मकर संक्रांति (15 जनवरी) से माघ-पूर्णिमा तक चलने वाले इस अभियान में विहिप कार्यकर्ता देश के चार लाख गांवों के 11 करोड़ परिवार से संपर्क कर और उन्हें श्री राम जन्मभूमि से सीधे जोड़कर रामत्व का प्रसार करेंगे। उन्होंने कहा कि देश की हर जाति, मत, पंथ, संप्रदाय के लोगों के सहयोग के साथ राम मंदिर वास्तव में एक राष्ट्र मंदिर का रूप लेगा।

देश के अधिकतर ग्रामों और शहरों में चलने वाले इस अभियान में रामभक्तों द्वारा मंदिर निर्माण हेतु स्वैच्छिक रूप से दिया गया आर्थिक सहयोग स्वीकार किया जाएगा। इसके लिए 10, 100 और 1000 रुपये के कूपन उपलब्ध होंगे। करोड़ों घरों में भगवान के दिव्य मंदिर की तस्वीर भी पहुंचाई जाएगी।

चंपत राय ने कहा कि मंदिर के निर्माण की तैयारी चल रही है। मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और गुवाहाटी के आईआईटी, सीबीआरआई, एलएंडटी, टाटा के विशेषज्ञ इंजीनियर मंदिर की मजबूत नींव की ड्राइंग पर परामर्श कर रहे हैं। बहुत जल्द नींव का प्रारुप सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि संपूर्ण मंदिर पत्थरों का है। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट, लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट है।

विहिप का लक्ष्य 4 लाख गांवों के 11 करोड़ परिवारों तक पहुंचने का है। सवा पांच लाख घरों तक पहुंचने का टारगेट है। मंदिर निर्माण से संबंधित सभी भाषाओं में लिटरेचर छापा जाएगा। घर-घर मंदिर का चित्र पहुंचाने की योजना है। देशभर में 3 से 4 लाख वीएचपी कार्यकर्ता अभियान से जुड़ेंगे। पीएम, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से भी चंदा लिया जाएगा। सरकार से पैसा नहीं लिया जाएगा। सरकार से सहयोग की अपेक्षा है। विदेशी चंदे नहीं लिए जाएंगे। 3 वर्ष में मंदिर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।

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