अर्जुन राव की मृत्यु से हर कोई हैरान, 21 को पहुंचेगा शव

सबसे बुरे दौर से गुजर रहे राव अजीत सिंह


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

  पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह के पोते एवं राव अजीत सिंह के बड़े बेटे कांग्रेसी नेता अर्जुन राव की बैंकांक में हार्ट अटैक से हुई मृत्यु से हर कोई हैरान है। शुक्रवार को उनका शव रेवाड़ी पहुंचना था लेकिन बैंकाक में आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने में लग रहे समय के कारण उनका शरीर 21 अक्टूबर रेवाड़ी आएगा जहां उनके पृतक गांव रामपुरा में अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निवास पर पूरी तरह खामोशी छाई हुई है। उनके समर्थकों में जबरदस्त मायूसी है। किसी को यकीन नहीं हो पा रहा कि 44 साल का यह युवक इतनी जल्दी विदा ले लेगा।  

इस घटना के बाद पारिवारिक तौर पर राव अजीत सिंह बेहद ही सबसे चुनौतीपूर्ण एवं बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उनका शरीर पिछले कुछ सालों से अस्वस्थ्य चल रहा है। वे अपने सहारे चलने में पूरी तरह से असमर्थ है। मानसिक तौर पर पहले की तरह मजबूत है। इसलिए उन्होंने अपनी राजनीति विरासत पूरी तरह से अर्जुन को सौंप दी थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में अटेली से कांग्रेस की टिकट पर अर्जुन राव जीत नहीं पाए। एक समय था जब राव अजीत सिंह की राजनीति में अपने बड़े भाई केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से भी ज्यादा पकड़ थी। उन्होंने इनेलो में रहते हुए बावल विधानसभा सीट से अपने दम पर रामेश्वर दयाल को विधायक बनवा दिया था। साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर शकुंतला भगवाड़िया को जीताने में सूत्रधार बने। ऐसी अनेक सीटों पर राव अजीत सिंह अपने समर्थकों की मदद से हार जीत के समीकरण बदलने में बड़ी हैसियत रखते रहे हैं। वे अटेली में जीत के करीब पहुंचकर भी हारते रहे। उन्होंने राजनीति जमकर की लेकिन जीत की ताजपोशी के लिए तरसते रहे। बड़े भाई से राजनीति विचारों एवं प्रभुत्व को लेकर टकराव भी रहा। इसके बावजूद समर्थकों का जमावड़ा राव अजीत सिंह के पास बना रहा। अस्वस्थ्य रहने के कारण वे अर्जुन को विधायक बनाकर अपने अधूरी राजनीति को पूरा करने में नए सिरे से जोश के साथ जुट गए थे। कुछ दिन पहले 15 अक्टूबर को अटेली नई अनाज मंडी में चुनाव कार्यालय खोलकर इरादे भी जता दिए थे। अर्जुन के चले जाने के बाद राव अजीत सिंह की राजनीति अब ठहर जाएगी या फिर नई हिम्मत व हौसले के साथ खड़ी हो जाएगी। यह आने वाला समय बताएगा। उनके छोटे बेटे राजनीति से दूर अपने व्यवसाय में बिजी रहते हैं। उनके दो पुत्र ही है।

 

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