अविश्वास प्रस्ताव में सरकार के खिलाफ वोटिंग में पहला वोट मेरा : सोमबीर सांगवान

काले झंडे लहराकर कितलाना टोल पर मनाया गया काला दिवस, बुजुर्गों ने बांधी काली पट्टियां

किसानों के धैर्य की परीक्षा ना लेकर  सरकार


 दादरी के निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान 40 के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि विधानसभा में गठबंधन सरकार के खिलाफ पेश होने  वाले अविश्वास प्रस्ताव में वे पहले विधायक होंगे जो इस जनविरोधी और किसान विरोधी सरकार के विरुद्ध वोटिंग करेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता की आवाज सबसे बड़ी होती है लेकिन मौजूदा सरकार गूंगी बहरी बनी हुई है। उसको जगाने का काम आज किसान मजदूर कर रहे हैं।

                  उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को चले 100 दिन हो गए हैं इस दौरान 250 से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं। उसके बावजूद सरकार जानबूझकर किसानों की अनदेखी कर रही है जो असहनीय है। उन्होंने कहा कि किसान बहुत से शांतिपूर्ण ढंग से अपनी वाजिब मांगों को लेकर धरनारत हैं। सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा लेने से बाज आये। आज जिस तरह से 36 बिरादरी ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर काला दिवस मनाया है उससे सिद्ध हो गया है कि ये आंदोलन जनांदोलन बन गया है।

                   कितलाना टोल पर धरने के 72वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, मास्टर ओमप्रकाश, राजू मान, जमात अली, रतन्नी देवी, गंगाराम श्योराण, सूबेदार चंदन कितलाना, रामकुमार सोलंकी, मास्टर राजसिंह, दिलबाग ग्रेवाल ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आम जन मानस ने जोरदार ढंग से पूरे जिले में काला दिवस मनाया है। हर गांव में घरों में जहां काले झंडे लहराए वहीं शहरों में प्रमुख चौराहों पर काले झंडों के साथ प्रदर्शन किए गए हैं इससे किसानों के हाथ मजबूत हुए हैं। अब वो दुगुने उत्साह से आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे।

                  धरने का मंच संचालन धर्मेन्द्र छपार ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, बलबीर बजाड़, दिलबाग ढुल, कप्तान रामफल, अजित सिंह फौगाट, सत्यवान कालुवाला, प्रेम सिंह, शमशेर सांगवान, पूर्व सरपंच संजय मंदोला, पूर्व सरपंच टेकराम मंदोला, सरदारा राम, रणधीर घिकाड़ा, पूर्व सरपंच नरेंद्र फतेहगढ़, पूर्व सरपंच राजेश सारंगपुर, पूर्व सरपंच रामानंद सारंगपुर, नत्थूराम शर्मा, मंगल सुई, प्रोफेसर जगमिंद्र,  सीमा कितलाना, बिमला, लक्ष्मी, निम्बो, मूर्ति देवी, इत्यादि मौजूद थे।

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