अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका यूनियन ने गांव मंढाणा में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया. इस अवसर पर एआईयूटीयूसी के जिला सचिव छाजू राम रावत ने संबोधित करते हुए कहा कि महिलाएं देश की आधी आबादी हैं.महिलाओं के बिना देश व समाज आगे नहीं बढ़ सकता. उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय महिला के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि इसकी शुरुआत एक समाजवादी आन्दोलन से शुरू हुई. महिला संघर्ष व मुक्ति के रूप में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई असल में नारी की मुक्ति पुरुष व नारी के साझे दुश्मन आज की शोषण वादी पूंजीवादी व्यवस्था से मुक्ति में ही है. इस शोषण मूलक पूंजीवादी व्यवस्था में पुरुष व महिला दोनों शोषित हैं पुरुष प्रधान समाज में महिलाएं अलग शोषण का शिकार हैं, उसके लिए उन्हें समाज में शोषित पीड़ित जनता के संघर्ष में खुद को शामिल करना होगा. उनकी मुक्ति इसी भावना में निहित है.नारी स्वाधीनता नारियों को ही हासिल करनी होगी. इस अवसर पर कृष्णा देवी ने बोलते हुए कहा कि समाज की प्रगति के लिए नारी के समानाधिकार, सम मर्यादा व स्वाधीनता बेहद जरूरी है. उन्होंने महिलाओं के आजादी आंदोलन में योगदान की याद दिलाई. आंगनवाड़ी वर्कर व आशा वर्कर सहित सभी महिलाओं के कोरोना महामारी में लोगों की जान बचाने में सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा कार्यकर्ता सहित सभी महिलाओं के उल्लेखनीय योगदान की याद दिलाई, इसके बावजूद स्कीम वर्कर्स बेहद मामूली मानदेय पर काम कर रहे हैं, जिस ओर सरकार को ध्यान देकर सभी स्कीम वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाना महिला दिवस पर सभी महिला स्कीम वर्कर्स का सच्चा सम्मान होगा. इस अवसर पर मनरेगा मजदूर संगठन की सचिव राजबाला ने कहा कि मनरेगा के तहत मनरेगा महिला मजदूरों को गांव-गांव में काम दिया जाना चाहिए. साल में 200 दिवस काम व 600 रुपए मजदूरी दी जाए इस अवसर पर स्कीम वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के साथ-साथ गांव की जागरूक महिलाओं की उल्लेखनीय भागीदारी रही.