भूकंप आए तो आपको यह करना चाहिए ?
तुर्की में भूकंप के बाद एक 14 साल के बच्चे को मलबे से बाहर निकाला जा रहा है
रणघोष खास. विश्वभर से
सोमवार को तुर्की और सीरिया में 7.8 तीव्रता का जो भूकंप आया, वो दुनिया में इस दशक में आए ज़लज़लों में सबसे भयानक था. इस भूकंप से दोनों देशों में चार हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई.तुर्की ऐसा देश है, जहां भूकंप आने का ख़तरा हमेशा बना रहता है. 1939 से 1999 के बीच तुर्की में पांच बड़े भूकंप आ चुके हैं.साल 1900 के बाद से अब तक तुर्की में 76 ज़लज़ले आ चुके हैं, जिनमें 90 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई. इनमें से आधी मौतें तो 1939 से 1999 के बीच हुईं.पिछले दो दशकों के दौरान दुनिया में जो दूसरे भयंकर भूकंप आए हैं, उनमें 2021 में हैती में आया ज़लज़ला भी शामिल है. इस भूकंप में 2200 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई थी.2018 में इंडोनेशिया में आए भूकंप में 4300 से अधिक लोग मारे गए थे. 2017 में आए एक और भूकंप में 400 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
भूकंपों की भविष्यवाणी
वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर ये जान लेना मुमकिन भी हो कि भूकंप के झटके कहां आएंगे, तो भी ये अंदाज़ा लगाने से हम अभी बहुत दूर हैं कि भूकंप आएगा कब?ऐसे में क्या भूकंपों की सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है?इंपीरियल कॉलेज लंदन के भूकंप वैज्ञानिक डॉक्टर स्टीफेन हिक्स इस सवाल का जवाब अफ़सोस के साथ नहीं में देते हैं.डॉक्टर हिक्स कहते हैं, ”हम जो कर सकते हैं, वो ये कि हम भूकंपों का पूर्वानुमान लगा सकते हैं. हम एक आशंका जता सकते हैं. अमेरिका में कैलिफोर्निया जैसी जगहों या फिर जापान में भूकंपों का पूर्वानुमान लगाने का काम अब बढ़ता जा रहा है.”तो आप सुरक्षित रहने के लिए क्या कर सकते हैं और आपको क्या नहीं करना चाहिए?
हमेशा तैयार रहें
हालांकि, यूं तो ये अनुमान लगाना आसान नहीं है कि भूकंप कब आएगा. मगर जानकार कहते हैं कि आपको हमेशा तैयार रहना चाहिए. इसका मतलब ये है कि आपके पास ज़लज़ले से निपटने की एक योजना हमेशा होनी चाहिए.डॉक्टर स्टीफेन हिक्स कहते हैं, ”अगर आप ऐसे इलाक़े में रहते हैं, जहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं तो आपके घर में किसी इमरजेंसी के लिए एक बैग हमेशा तैयार रहना चाहिए.”वो कहते हैं कि इस बैग में पानी, एक टॉर्च, फर्स्ट एड किट और कुछ खाने-पीने का सामान होना चाहिए. रेड क्रॉस के मुताबिक़, इस किट में लोगों को कुछ नक़दी और अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज़, जैसे कि दवा-इलाज के रिकॉर्ड की एक कॉपी भी रखनी चाहिए.जिस इमारत में आप रहते हैं, वो सुरक्षित है तो आप वहीं रुके रहें.अमेरिकी सरकार की वैज्ञानिक संस्था यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक़, भूकंप के वक़्त आप जहां हैं, वहीं रुके रहें, तो आपके चोटिल होने की आशंका कम होती है. इसीलिए जियोलॉजिकल सर्वे सलाह देता है कि जब ज़लज़ला आए तो आप एक कमरे से दूसरे कमरे की तरफ़ भागने से बचें.जानकार कहते हैं कि ख़ुद को सुरक्षित रखने का सूत्र वाक्य है- ‘नीचे लेट जाएं, ख़ुद को ढक लें और कसकर पकड़कर रखें.’अपने पैरों और घुटनों के बल गिरने से आपको ऊपर से गिर रहे सामान से बचने में मदद मिलेगी और ज़रूरत पड़ने पर आप थोड़ा बहुत हिल डुल भी सकेंगे. ख़ुद को छुपाने की कोई और जगह न होने पर अगर आप किसी मेज़ या डेस्क के नीचे होते हैं, तो आप उसको तब तक कस कर पकड़कर रखें, जब तक झटके आ रहे हों.ज़लज़ला आने पर बचने का एक तरीक़ा दरवाज़े के बिल्कुल पास खड़े होना भी हो सकता है. लेकिन, जानकार कहते हैं कि अगर आप किसी पुराने मकान में रहते हैं, तो आपके लिए मेज़ के नीचे छुपना सबसे अच्छा तरीक़ा होगा.भूकंप के चलते अक्सर मकान की खिड़कियां और छज्जे सबसे पहले गिरते हैं. ऐसे में सलाह यही दी जाती है कि आप इन ख़तरनाक जगहों से दूर ही रहें.
जब सबसे ज़्यादा सुरक्षित लगे, तभी बाहर जाएं
जब धरती का हिलना डुलना बंद हो जाए, तो आपके लिए उस इमारत से बाहर निकल जाना सबसे महफ़ूज़ होता है, जिसके ढहने का ख़तरा होता है.ये सारी बातें उस वक़्त के लिए हैं, जब आप भूकंप के समय किसी इमारत के भीतर हों.लेकिन, तब क्या करें जब भूकंप के वक़्त आप बाहर हैं?जानकार कहते हैं, ”आप जहां हैं, वहीं ठहर जाएं. क्योंकि, इमारतों, बिजली और फोन-केबल की तारों खंबों, सीवेज के मैनहोल, तेल और गैस की पाइपलाइनों से दूर भागने से आपके ज़ख़्मी होने का जोखिम बढ़ जाता है. और हां, आपके लिए सबसे बेहतर तो ये होगा कि आप एकदम खुले इलाक़े में चले जाएं. जहां टेलीफोन और बिजली के खंबे न हों. कोई इमारत न हो.”
ख़तरे से दूर रहें
अर्थक्वेक कंट्री एलायंस के मुताबिक़, ज़्यादातर लोगों के घायल होने या मौत होने की घटनाएं, उड़ते हुए सामानों जैसे कि टीवी, लैंप, शीशे और किताबों की अलमारी के गिरने से होती है. ऐसी चीज़ों से चोटिल होने से बचने का एक तरीक़ा ये हो सकता है कि आप अपने भारी भरकम फर्नीचर को दीवार से लचीले तारों से बांधकर रखें.ज़लज़ले के बाद इससे जान जाने का एक और बड़ा ख़तरा टूटे हुए पाइप से गैस लीक होने पर होता है.डॉक्टर स्टीफेन हिक्स इसके लिए 1906 में अमरीका के सैन फ्रांसिस्को में आए भूकंप का हवाला देते हैं, जिसमें तीन हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए थे.वो बताते हैं, ”उस घटना में ज़्यादातर लोगों की मौत, भूकंप के कारण इमारतों के हिलने या गिरने से नहीं, बल्कि गैस पाइपलाइन में विस्फोटों के चलते हुई थी.”
डॉक्टर हिक्स सलाह देते हैं कि लोगों को किसी भी ज्वलनशील सामान से बहुत दूरी बनाकर रखनी चाहिए.
डॉक्टर हिक्स भूकंप से निपटने की तैयारियों के ड्रिल की अहमियत पर भी काफ़ी ज़ोर देते हैं.
वो कहते हैं, ”कई देशों में भूकंप आने पर क्या करना है, ये सिखाने के लिए नियमित रूप से रिहर्सल किया जाता है और इसमें हर एक इंसान को शामिल होना होता है. लेकिन, तुर्की के जिस इलाक़े में भूकंप आया, वहां शायद ऐसा कुछ नहीं किया गया था. क्योंकि तुर्की के इस इलाक़े में लंबे वक़्त से कोई भूकंप नहीं आया था.’