रविवार को विराट हॉस्पिटल में हुई ऑक्सीजन की कमी के कारण 4 व्यक्तियों की मौत पर अधिवक्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है। 23 वकीलों ने हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन के साथ इसे जिला प्रशासन की लापरवाही बताते हुए कहा कि विराट हस्पताल ने जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों को पहले ही अवगत करा दिया था कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी है मगर जिला प्रशासन ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया जिस कारण यह हादसा घटित हो गया। उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय तरीके सीबीआई जांच कराकर दोषियों के खिलाफ तुरंत एफ आई आर दर्ज कराई जाए। अधिवक्ताओं की तरफ से सीनियर एडवोकेट सुनील भार्गव ने बताया कि इस संदर्भ में मुख्य न्यायाधीश पंजाब एंड हरियाणा, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज को 23 वकीलों का हस्ताक्षर युक्त एक मांग पत्र सीबीआई से जांच कराने के लिए भेजा है। इसमें मुख्य रुप से अधिवक्ता अश्विनी कुमार तिवारी, रामबीर भारद्वाज, रेनू राय, नितेश अग्रवाल, रविन्द्र कुमार, सुरेंद्र खटाना, वीरेंद्र सिंह राव, बीरेन कुमार, योगेश कुमार, राजपाल यादव, शमशेर सिंह, मनोज यादव, राकेश कुमार वाइस प्रेसिडेंट, करण यादव, नरेश यादव, प्रिया यादव, केसी गुप्ता, रामेश्वर दयाल, बीएल यादव, आर के शर्मा, डॉक्टर राम सिंह यादव व धर्मेंद्र सुहाग हैं।