आखिर क्या हो गया खट्‌टर सरकार को..

आक्सीजन आपूर्ति का जिम्मा उन्हें दे दिया जिन पर पहले ही दो से तीन जिलों का भार है…


रणघोष खास. सुभाष चौधरी की रिपोर्ट


 पूरे देश में आक्सीजन और वेंटीलेटर की कमी से हो रही मौतों ने मानव जाति को हिलाकर रख दिया है। हरियाणा में भी हालात सामान्य नहीं हैं। रोज आक्सीजन की कमी से कोरोना पीड़ित दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में सोमवार को सरकार ने बड़ा फैसला लिया। प्रदेश में कोरोना के मरीज़ों के लिए ऑक्सीजन की मांग को देखते हुए सभी जिलों में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति और उचित वितरण सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तर पर कोरोना नोडल अधिकारियों या जिला ड्रग कंट्रोलर अधिकारियों को नियुक्त कर दिया है। ऑक्सीजन के वितरण में असमानता, इसकी अनुपलब्धता या आपूर्ति के संबंध में कोई अन्य समस्या हो तो जिला ड्रग कंट्रोलर अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है। यह निर्णय करते समय सरकार यह भूल गई कि हरियाणा में पहले ही ड्रग कंट्रोलर अधिकारियों के पद खाली है। एक अधिकारी पर दो से तीन जिलों का अतिरिक्त कार्यभार है। ऐसे में वे इस बेहद सबसे बड़ी जिम्मेदारी को  कैसे निभा पाएंगे। यह हैरान करने वाली बात है। यहा चंद पलों में ही आक्सीजन नहीं मिलने से मौते हो रही हैं। ऐसे में सरकार के इस निर्णय से लगता है कि वह इस चुनौती से लड़ने के लिए नुरा कुश्ती कर रही  है या नीति निर्धारक हवा में तीर चलवा रहे हैं। यहां बता दें कि 240  टन प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का उत्तरी भारत का सबसे बड़ा आक्सीजन प्लांट हरियाणा के पानीपत में होने के बावजूद प्रदेश में आक्सीजन की किल्लत से कोरोना संक्रमित मरीज अस्पतालों में दम तोड़ रहे हैं। किल्लत के चलते अस्पतालों में आक्सीजन की आपूर्ति समय पर होने से पिछले 24 घंटे में पलवल में सात,गुड़गांव रेवाड़ी में सात और फरीदाबाद,पानीपत के अस्पतालों में दोदो मरीजों ने दम तोड़ दिया। सोनीपत के खानपुरकलां मेडिकल कॉलेज,करनाल के कल्पना चावला और रोहतक के पीजीआई मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन की किल्ल्त बनी हुई है। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक दिन पहले ही कहा था, “ऑक्सीजन का कोटा तय कर दिया है, प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं आने देंगे। अधिकारियों को सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं”,पर अस्पतालों का आक्सीजन का कोटा अभी तय नहीं हुआ है। पंचकूला के एक निजी अस्पताल के प्रबंधन का कहना है कि कोटा तय करना भी सही उपाय नहीं हैं क्योंकि ऑक्सीजन स्पोर्ट पर आने वाले गंभीर मरीजों की संख्या के हिसाब से ही ऑक्सीजन की खपत होगी इसलिए पूर्व कोटा तय करने का कोई तर्क नहीं है। इससे भी अस्पताल का संकट दूर होने वाला नहीं है। इधर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमित नए 11578 मरीज पाए गए हैं जबकि 81 मरीजों की मौत हो गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *