इनेलो नफे सिंह राठी हत्या की सीबीआई जांच होगी

रणघोष अपडेट. हरियाणा

हरियाणा में इनेलो प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी हत्या की जांच सीबीआई से कराने के लिए राज्य सरकार ने स्वीकृति दे दी है। इस घटना से प्रदेश की राजनीति पूरी तरह सुलग गई है। इनेलो- कांग्रेस ने इसके लिए राज्य सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार माना है। उधर पुलिस को जांच में नफे सिंह राठी हत्या से पहले का एक सीसीटीवी फुटेज मिला है जिसमें हत्यारे सफेद रंग की कार में दिख रहे हैं। यह कार आगे चलकर नफे सिंह राठी की फॉर्च्यूनर के पास रूकी थी। उसके बाद बदमाशों ने राठी पर ताबड़तोड़ 50 के आस पास राउंड गोलियां चलाई थी। सोमवार को   

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में नफे सिंह राठी हत्या का मामला छाया रहा।  कांग्रेस ने सरकार से हाईकोर्ट के जज या सीबीआई से जांच कराने की मांग की। गृहमंत्री अनिल विज ने जवाब दिया कि नफे सिंह ने सुरक्षा मांगी थी, लेकिन वह उनके पास कभी नहीं आए। धमकी देने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। हम सीबीआई जांच कराने को तैयार हैं।

 तीन  भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर

पुलिस ने राठी के भांजे संजय की शिकायत पर भाजपा के पूर्व एमएलए  नरेश कौशिक, पूर्व चेयरमैन कर्मबीर राठी, पूर्व मंत्री मांगेराम राठी के बेटे सतीश नंबरदार, राहुल, कमल और गौरव के खिलाफ हत्या समेत 8 धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है।
वहीं, राठी के परिवार ने पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया है। राठी समर्थकों ने अस्पताल के बाहर रोड पर जाम कर दिया है। उन्होंने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की। इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला भी धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने सीबीआई जांच कराने की मांग की। झज्जर के एसपी अर्पित जैन ने कहा कि जांच के लिए 2 डीएसपी  के नेतृत्व में 5 टीमें बनाई हैं। सीआईए और एसटीएफ को भी लगाया है। इस हमले में राठी के साथ पार्टी कार्यकर्ता जयकिशन दलाल की भी मौत हो गई। वहीं भांजे संजय और निजी सुरक्षाकर्मी की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

 चश्मदीद घायल भांजे ने बताई पूरी घटना

पुलिस को दिए बयान में हत्या के वक्त नफे सिंह राठी की कार चला रहे भांजे संजय ने हत्याकांड की पूरी कहानी बताई है। उन्होंने बताया, ‘हम आसौदा गांव में उनके परिवार में शोक व्यक्त करने गए थे। मैं मामा नफे सिंह राठी के साथ ड्राइवर हूं। रविवार (25 फरवरी) को असौदा गांव में सामाजिक कार्य करके बहादुरगढ़ वापस रहे थे। हम फॉर्च्यूनर गाड़ी में थे। मैं गाड़ी चला रहा था। मामा  राठी साइड वाली सीट पर बैठे थे। गाड़ी की पिछली सीट पर कबलाना निवासी संजीत और लाइनपार बहादुरगढ़ निवासी जयकिशन बैठे हुए थे।

शाम करीब सवा 5 बजे, जब वे बराही फाटक से पहले गाड़ी में रहे थे तो मैंने एक सफेद रंग की कार को शीशे में पीछा करते देखा। कुछ आवाज भी आई तो मैंने गाड़ी की स्पीड तेज करनी चाही। अचानक सामने फाटक बंद दिखाई दिया। मैंने गाड़ी रोकी तो एकाएक 5 लड़के पिस्टलहथियारों सहित सफेद कार से उतरकर आए। उन्होंने ललकार कर कहा कि सतीश, कर्मबीर राठी, नरेश कौशिक से दुश्मनी का इनको सबक सिखा दो। उन्होंने हम पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जो मेरे बाईं बाजू, जांघ और कमर पर लगी।उनमें से एक व्यक्ति ड्राइवर वाली विंडो पर आया और बोला कि तुझे जिंदा छोड़ रहा हूं, इनके घर जाकर बता देना कि नरेश कौशिक, कर्मबीर राठी, रमेश राठी, सतीश राठी, गौरव राठी, राहुल कमल के खिलाफ कभी भी किसी भी अदालत में गए तो सारे परिवार को मार देंगे। मैंने अपने आपको संभाला तो देखा कि मामा (नफे सिंह राठी) और जयकिशन की मौत हो चुकी थी। संजीत की हालत गंभीर थी। राहगीर हम सभी को ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल ले आए। जहां मेरा इलाज चल रहा है। मैं हमलावरों को सामने आने पर पहचान सकता हूं।