रणघोष अपडेट. देशभर से
उत्तराखंड में कई स्थानों पर बारिश हुई, जिससे भूस्खलन हुआ, जिससे कई सड़कें बंद हो गईं हैं। अलकनंदा नदी पर बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण उत्तराखंड के देवप्रयाग में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई और हरिद्वार में चेतावनी स्तर को पार कर गई। दिल्ली में बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ और भैरों मार्ग सहित कुछ सड़कों को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले पांच दिनों के दौरान उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में “भारी से बहुत भारी” बारिश की भविष्यवाणी की है। देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र ने सोमवार को उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है। रविवार को उत्तराखंड में कई जगहों पर बारिश हुई, जिससे भूस्खलन हुआ, जिससे बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई सड़कें बंद हो गईं। ‘ऑरेंज’ अलर्ट अत्यधिक खराब मौसम की चेतावनी के रूप में जारी किया जाता है, जिसमें सड़क और नालियों के बंद होने और बिजली आपूर्ति में रुकावट के साथ आवागमन में बाधा पैदा होने की आशंका रहती है। चमोली जिले के जोशीमठ में नीती घाटी में गिरथी गंगा नदी में मलबा और अतिरिक्त पानी आने के कारण जोशीमठ-मलारी सड़क पर एक पुल का एबटमेंट भी क्षतिग्रस्त हो गया। अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि इसके अलावा, पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में काली नदी का जल स्तर 889 मीटर के चेतावनी स्तर को पार कर गया है, जबकि गंगा सहित कई अन्य नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं।
हिमाचल के हालात
हिमाचल सरकार के मुताबिक कुल्लू के किआस गांव में बादल फटने से एक व्यक्ति की जान चली गई है, सोमवार को बारिश से संबंधित घटना में तीन लोग घायल हो गए और नौ वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। न्यूज एजेंसी एएनआई को डीएसपी राजेश ठाकुर ने बताया कि “कुल्लू के किआस गांव में बादल फटने से एक की मौत हो गई, 3 घायल हो गए और 9 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।” पिछले सप्ताह जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में बारिश ने पहाड़ी राज्य में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है, जिससे बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं हुई हैं, जिसमें अब तक 108 लोगों की जान चली गई है। हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।