उमा भारती द्वारा शराबबंदी अभियान शुरू करने की घोषणा ने शिवराज सिंह की परेशानियां बढ़ा दी थी। उनकी परेशानी का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि उमा के अभियान से पहले ही राज्य में नशामुक्ति अभियान शुरू कर दिया, जिससे भारती की राज्य में सक्रियता को रोका जा सके। रतलाम की एक सभा में मुख्यमंत्री ने इस अभियान की घोषणा कर दी। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराब और नशे के खिलाफ 8 मार्च महिला दिवस से नशा मुक्ति अभियान शुरू करने की घोषणा पहले ही कर रखी है। इस अभियान को उमा की राजनीतिक सक्रियता के तौर पर देखा जा रहा है। इसी वजह से शिवराज सिंह के अंदर उनके अभियान को लेकर आशंका घर कर गई थी। हालांकि उमा भारती से पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि इस अभियान का राजनीति से कोई वास्ता नहीं है। इसके बावजूद स्पष्ट है कि उनकी राज्य में सक्रियता होगी। इसी को ध्यान में रखते हुए शिवराज सिंह ने उनके अभियान से पहले ही नशामुक्ति अभियान शुरू करके उमा के अभियान के महत्व को कम करने का प्रयास किया है। शिवराज सिंह को आशंका है कि उमा इस अभियान के माध्यम से राज्य की जनता में खुद को लोकप्रिय करना चाहती है। ऐसा होना राजनीतिक दृष्टि से मुख्यमंत्री के लिए बहुत अच्छा नहीं होगा। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने पहले ही अभियान की घोषणा कर दी है। अब यदि उमा का अभियान शुरू भी होता है तो वह राज्य सरकार के एक अभियान का हिस्सा होगा। उमा भारती ने कुछ समय पहले भी नई शराब दुकानें खोलने का विरोध जताया था, जिस पर सरकार ने तुरंत यूटर्न लेकर फैसला बदल दिया था। शिवराज सिंह की रणनीति है कि उमाभारती को राज्य में सक्रिय होने का कोई मौका न दिया जाये। यदि उमा मध्य प्रदेश में सक्रिय होती है तो वो अगले विधानसभा चुनावों में शिवराज सिंह के लिए प्रतिद्वंदी हो सकती है।