रणघोष अपडेट. देशभर से
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जहां एक तरफ राज्य के मनोनीत सीएम मोहन यादव से मुलाकात कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस ने मंगलवार को मोहन पर कई गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यादव के खिलाफ उज्जैन मास्टर प्लान में “बड़े पैमाने पर हेरफेर” सहित कुछ गंभीर आरोप हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में मोहन यादव पर कुछ गंभीर आरोप लगाए और कहा, ‘चुनाव नतीजों के आठ दिन बाद, बीजेपी ने मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री एक ऐसे व्यक्ति को चुना, जिसके खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं, जिसमें उज्जैन मास्टर प्लान में बड़े पैमाने पर हेराफेरी सबसे प्रमुख है।”उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने यादव को लाभ पहुंचाने के लिए उज्जैन मास्टर प्लान में भूमि उपयोग (लैंड यूज) पैटर्न को बदल दिया। नवंबर में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले भी कांग्रेस ने इस मामले को उठाया था। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सिंहस्थ मेले में उपयोग के लिए आरक्षित भूमि का एक टुकड़ा अनारक्षित कर दिया गया और इसका भूमि उपयोग कृषि से आवासीय में बदल दिया गया था। जाहिर तौर पर यादव, उनकी पत्नी और बहन के पास उस हिस्से में जमीन है तो सीधा फायदा उन्हीं को मिला।
उनके कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हैं जिनमें वह गाली देते, धमकी देते और आपत्तिजनक बयान देते नजर आ रहे हैं। जयराम रमेश ने पूछा है कि क्या यह मध्य प्रदेश के लिए ‘मोदी की गारंटी’ है?”कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मोहन यादव का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। सुप्रिया ने लिखा- मध्यप्रदेश के नये मुख्यमंत्री मोहन यादव जी को बधाई यह भी बग़ल वाले छत्तीसगढ़ के विष्णु देव साय की तरह ही ख़तरनाक तेवर रखते हैं — आगे आप ख़ुद सुनिए…सुप्रिया श्रीनेत ने दैनिक भास्कर अखबार की ग्राउंड रिपोर्टिंग का एक वीडियो जारी करते हुए लिखा- महाकाल की धरती उज्जैन में ज़मीन का बड़ा घपला हुआ है नवनियुक्त मुख्यमंत्री मोहन यादव, उनकी पत्नी और बहन की जमीन सिंहस्थ से मुक्त की गई जिससे उसमें कॉलोनी कट सके — अब आगे आगे देखिए होता है क्या फ़िलहाल के लिए यह वीडियो में समझिए घोटाले को…इस तरह मोहन यादव पर कांग्रेस जबरदस्त हमले कर रही है। उज्जैन का घोटाला आरोपों के आधार पर गंभीर लग भी रहा है। देखना है कि मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद मोहन यादव उज्जैन की उस जमीन को लेकर क्या रुख अपनाते हैं। अभी तक उन्होंने इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया है।मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम पर कई दिनों से चल रहा सस्पेंस सोमवार को बीजेपी के मोहन यादव के नाम सामने आने के साथ ही खत्म हो गया। इस घोषणा ने मोहन यादव और अन्य भाजपा नेताओं सहित सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। मोहन यादव ओबीसी नेता हैं और उज्जैन दक्षिण से तीन बार के भाजपा विधायक हैं। वह पहले मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। मोहन यादव 30 साल से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं। कहा जाता है कि वह हिंदुत्व के मुद्दों पर आक्रामक रहे हैं और उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर संघ में बड़े पैमाने पर काम किया, जिसके लिए उन्होंने देश भर की यात्रा की और लोगों से बात की।