रणघोष अपडेट. देशभर से
संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के लिए सात घंटे का समय बुधवार को रखा गया है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी विपक्ष की ओर से बहस की शुरुआत की। दरअसल, नए महिला कोटा बिल में ओबीसी महिलाओं को कोई आरक्षण नहीं दिया गया है। यह अब बहस का मूल मुद्दा बनने जा रहा है। इस मुद्दे को अभी तक सपा और लालू यादव की आरजेडी ही उठा रहे थे, लेकिन अब कांग्रेस ने भी इस पर स्टैंड ले लिया है। इस तरह ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण अब बहस के केंद्र में रहेगा। बहरहाल, इस विधेयक के पास होने की पूरी संभावना है, क्योंकि सभी दल इस पर एकमत हैं। यह प्रस्ताव मूल रूप से कांग्रेस का है, जिसके लिए वो समय-समय पर प्रयास करती रही है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि ये बिल राजीव गांधी का सपना है..इस बिल के पास होने से हमें खुशी होगी. यह मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है।’ उन्होंने कहा कि “भारतीय महिला में समुद्र की तरह धैर्य है। उन्होंने नदी की तरह सभी की भलाई के लिए काम किया है। महिलाओं के धैर्य की सीमा का अनुमान लगाना कठिन है, वे कभी आराम करने के बारे में नहीं सोचती हैं।”भारतीय महिलाओं के अंदर महासागर जैसा धीरज है। उन्होंने कहा- महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने में कोई भी देरी भारतीय महिलाओं के साथ घोर अन्याय होगा। उन्होंने कहा- “कांग्रेस मांग करती है कि एससी, एसटी, ओबीसी के लिए उप-कोटा के साथ महिला कोटा बिल तुरंत लागू किया जाए।सोनिया गांधी ने कहा कि भारतीय महिलाएं पिछले 13 वर्षों से अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं। और अब उनसे कुछ साल और इंतजार करने को कहा जा रहा है. कितने साल? लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, कांग्रेस की मांग है कि इस विधेयक को तुरंत लागू किया जाए और इसके साथ ही जाति जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए।