रणघोष अपडेट. देशभर से
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने मंगलवार को कहा कि 10 हफ्ते पहले ओमिक्रोन की पहली बार पहचान किए जाने के बाद से कोरोना वायरस के 9 करोड़ मामले सामने आए हैं। यह तादाद 2020 में आए कोरोना संक्रमण मामलों की तुलना में ज्यादा है। दरअसल कई देशों द्वारा सार्वजनिक प्रतिबंधात्मक उपायों में ढील दिए जाने के बीच डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनोन घेब्रेयियस ने आगाह किया कि ओमीक्रोन को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए। भले ही यह पहले के स्वरूपों की तुलना में कम गंभीर है। उन्होंने दुनिया के अधिकांश क्षेत्रों में मौतों के मामलों में चिंताजनक वृद्धि का भी हवाला दिया। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने महामारी पर एक नियमित ब्रीफिंग में कहा, ‘हम इस बात से चिंतित हैं कि कुछ देशों में यह अफवाह ने जोर पकड़ लिया है कि टीकों की वजह से और ओमीक्रोन की कम गंभीरता के कारण अब इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी देश के लिए यह घोषणा करना जल्दबाजी होगी कि कोरोना को रोका नहीं जा सकता या उन्होंने कोरोना पर विजय पा ली है। इसके प्रति अभी गंभीर रहने की जरूरत है।टेड्रोस ने कहा, “सच्चाई से आगे कुछ भी नहीं हो सकता है।” उन्होंने कहा, “किसी भी देश के लिए या तो आत्मसमर्पण करना या जीत की घोषणा करना जल्दबाजी होगी। यह वायरस खतरनाक है और यह हमारी आंखों के सामने विकसित हो रहा है।’ डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दुनिया भर में उसके छह क्षेत्रों में से चार में मौतों का रुझान बढ़ रहा है। बता दें कि ब्रिटेन, फ्रांस, आयरलैंड और नीदरलैंड सहित कई यूरोपीय देशों ने लॉकडाउन के उपायों में ढील देना शुरू कर दिया है। फिनलैंड इस महीने अपने कोविड-19 प्रतिबंधों को समाप्त कर देगा। मंगलवार को, डेनमार्क की सरकार ने महामारी से लड़ने के उद्देश्य से अधिकांश प्रतिबंधों को हटा दिया, उन्होंने यह कहते हुए यह कदम उठाया कि वह अब कोविड-19 को “सामाजिक रूप से गंभीर बीमारी” नहीं मानती है।