श्रमिक संगठन एआई यूटीयूसी के हरियाणा राज्य प्रधान कामरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट ने धारूहेड़ा में श्रमिकों के बीच किसान आंदोलन के समर्थन के लिए जागृति अभियान चलाया। कामरेड सिंह ने कहा की यह किसान आंदोलन एक जन आंदोलन का चरित्र अख्तियार कर चुका है। हर प्रकार के अन्याय अत्याचार शोषण भेदभाव के खिलाफ न्याय की मांग करने के लिए उठी आवाज को ही आंदोलन कहा जाता है और यह आंदोलन जन आंदोलन में रूपांतरित हो जाता है जब वह जन जन की आवाज बन जाता है जैसा कि कृषि कानूनों के विरोध में हम देख रहे हैं। कामरेड सिंह ने कहा देश की प्रगति का इतिहास जन आंदोलनों के विकास के साथ जुड़ा हुआ है। समाज सुधार आंदोलनों से लेकर राजनीतिक आन्दोलन देश में हुए हैं। जन आंदोलनों की चोट से ब्रिटिश साम्राज्यवाद से आजादी हासिल हुई थी। जन आंदोलन एक लोकतांत्रिक देश के लिए ऑक्सीजन का काम करते हैं जिस तरह से बिना ऑक्सीजन के एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है उसी तरह से बिना जन आंदोलन के लोकतंत्र मृत्यु शैया पर चला जाता है। लोकतंत्र को मजबूत करने का मायना है कि विरोध की आवाज को संगठित रूप से जोरदार ढंग से तेज करना। सत्तासीन वर्ग एवं अन्याय की बुनियाद पर खड़ी सरकारें हमेशा ही जन आंदोलन का विरोध करती रही है। देश के वर्तमान आंदोलन को इसी रोशनी में देखने की जरूरत है। 3 काले कृषि कानूनों खिलाफ जारी शानदार जन आंदोलन कल श्रमिक वर्ग के लिए एक और मजबूत आंदोलन की नीव तैयार कर रहा है। समय का तकाजा है समस्त कमेरा वर्ग एक दूसरे के आंदोलनों में शामिल होते हुए उसे अपना समर्थन दें। कामरेड सिंह ने कहा कि श्रमिक संगठन, किसान आंदोलन के समर्थन में 15 दिनों तक श्रमिकों के बीच जाकर जन जागृति अभियान चलाएगा और किसान आंदोलन के प्रति एकजुटता और भाईचारा प्रदर्शित करेगा।