किसानों की दो टूक- आंदोलन को बदनाम करने से बाज आये सरकार

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंक जताया रोष, दूसरा दिन- उमड़े किसान, टोल फ्री होने से जनता को राहत


रणघोष अपडेट. चरखी दादरी


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सरकार किसान आंदोलन को बदनाम करने से बाज आये और किसानों की शहादत को हल्के में ना ले। यह बात आज संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर लगातार दूसरे दिन कितलाना टोल फ्री करवाने वाले किसान नेताओं ने धरना स्थल पर अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का पद गरिमामय होता है पर उसे भुलाकर सत्ता के नशे में चूर नरेंद्र मोदी किसान आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों के लिए एक शब्द भी बोलने की बजाए अपनी वाणी से आंदोलन को बदनाम करने की कुचेष्टा कर रहे हैं जो असहनीय है। रोषस्वरूप धरना स्थल पर आंदोलनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंक जोरदार नारेबाजी की। महिलाओं की भी धरने पर उल्लेखनीय भागेदारी रही।धरने पर खाप 40 सांगवान के सचिव नरसिंह डीपीई, फौगाट खाप प्रधान बलवंत नंबरदार, करतार ग्रेवाल, रामेहर सिंह, गंगाराम श्योराण, संतोष देशवाल की संयुक्त संयोजन में आयोजित धरने पर किसान नेताओं ने कहा कि पिछले एक महीने से किसान कुछ नया नहीं मांग रहे बल्कि सरकार ने जबर्दस्ती जो तीन कृषि कानून थोपे हैं उन्हें रद्द करने के साथ एमएसपी की गारंटी देने की कह रहे हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बार बार भाषण देते हैं कि एमएसपी खत्म नहीं होगी तो उसका कानून बनाने से किसने रोका था। असल षडयंत्र इन तीन काले कानूनों की आड़ में महापूंजीपतियों को सीधा लाभ पहुंचा हिंदुस्तान को अडानिस्तानअम्बानिस्तान बनाना चाहते है जिसे किसानों ने भांप लिया। इसी वजह से देश का किसान एक महीने से कड़कड़ाती ठंड में दिल्ली के चारों और शांतिपूर्ण धरने पर बैठा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि वो बातचीत को तैयार है तो रोक कौन रहा है सिर्फ जुमलेबाजी और भाषण से काम चलने वाला नहीं है।  किसान, कर्मचारी और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने कहा कि किसान आंदोलन अब जनांदोलन बन गया है और जब तक सरकार तीनों काले कानून रद्द कर एमएसपी की गारंटी देने के साथ बिजली संशोधन अधिनियम 2020 वापिस नहीं लेती। हमारा शांतिपूर्ण धरना जारी रहेगा चाहे हमें कोई भी कुर्बानी देनी पड़े पीछे नहीं हटेंगे।  कितलाना टोल प्लाजा पर लगातार दूसरे दिन संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले बड़ी संख्या में किसान उमड़े जिसमें किसान यूनियनों, सामाजिक संगठनों, कर्मचारी यूनियनों के जुड़े लोगों के साथ इलाके के कई बुद्धिजीवी भी शामिल रहे। आज भी वाहनों का फ्री निकलना बदस्तूर जारी रहा। किसानों ने शुक्रवार सुबह 10 बजे से कितलाना टोल फ्री करा दिया था। रात को भी धरना स्थल पर रुके वोलेंटियर्स ने किसी वाहन से टोल नहीं वसूलने दिया। बड़ी संख्या में पुलिस बल भी धरना स्थल पर मौजूद रहा।

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धरने पर पांडवान गांव की पूर्व सरपंच निर्मला देवी खुद ट्रैक्टर चलाकर महिलाओं को लेकर पहुंची। इस मौके पर वृद्ध किसान नेता कमल सिंह मांढी, शमशेर फौगाट, राजू मान, कमल प्रधान, सुरेश फौगाट, रणधीर घिकाड़ा, धर्मेन्द्र छपार, सुशील धानक, नितिन जांघू, रणधीर कुंगड़विनोद मोड़ी, परमजीत सिंह , भतेरी, कमलेश भैरवी, सुनीता, कमला, राजकुमार घिकाड़ा, शीला बलियाली, कृष्णा छपार, रामकुमार कादयान, सुनिल साहुवास, आचार्य देवी सिंह, मुकेश पहाड़ी, दुष्यंत कलकल, दिलबाग नीमड़ी समेत सैकड़ों किसान मौजूद थे। धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया।

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