रणघोष अपडेट. चरखी दादरी
देश भर में 3 तीन दिन टोल फ्री कराने के संयुक्त किसान मोर्चा के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए इलाके की खापें, सामाजिक संगठन, किसान और कर्मचारी यूनियन व उनके समर्थन में उतरे राजनैतिक दलों से जुड़े लोग भिवानी रोड़ पर कितलाना स्थित टोल पर पंहुचे। बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने टोल की एक तरफ दरी बिछा धरने पर बैठने से पहले उसे फ्री करा दिया। महिलाओं ने भी धरने में भाग लिया। सुबह दस बजे के बाद सभी वाहन बिना टोल दिए देर शाम तक सरपट दौड़ते नजर आये। खबर लिखे जाने तक लोग वहां जमा थे और रात को निगरानी के लिए 100 वोलेंटियर्स लगा देने की घोषणा मंच से की गई। साथ में सरकार और टोल प्रबंधकों को चेताया गया कि रात को भी किसी वाहन से टोल नहीं वसुलने नहीं दिया जाएगा। अनहोनी की आशंका से टोल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। दोपहर 12.45 पर जैसे ही वहां जमा किसानों को खबर मिली कि भिवानी–महेन्द्रगढ़ से भाजपा सांसद धर्मबीर दादरी से भिवानी आ रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में किसान विरोध जताने और उन्हें काले झंडे दिखाने के लिए मेन सड़क पर आ गए। तीन कृषि कानूनों को लेकर सांसद धर्मबीर के रुख से किसान काफी गुस्से में थे। मौके पर मुस्तैद पुलिस अधिकारियों ने स्थिति संभाली और इसकी सूचना तुरंत सांसद को दी जिन्होंने रास्ता बदलना मुनासिब समझा। इस पर पुलिस ने राहत की सांस ली। तय कार्यक्रम के अनुसार सुबह 10 बजे किसान व अन्य संगठनों से जुड़े लोग ट्रैक्टर, जीप व अन्य साधनों में सवार हो कितलाना टोल पर जुटने शुरू हो गए। तीन कृषि कानून वापिस लो, एमएसपी की गारंटी दो और बिजली अधिनियम 2020 वापस लो के नारों के बीच उमड़ी भीड़ ने टोल के सभी बेरीकेट्स हटा नाके खोल टोल फ्री करा दिया। किसानों की जागरूकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने फास्टटैग के सेंसरों का मुंह विपरीत दिशा में कर दिया ताकि इस लाइन से गुजरने वाले वाहन धारकों के अकॉउंट से पैसे ना कट सकें।खाप 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, फौगाट खाप के प्रधान बलवंत नम्बरदार,मास्टर राज सिंह, करतार ग्रेवाल, राममेहर सिंह और भाकियू नेता जगबीर घसोला के संयुक्त आयोजन में धरने पर बैठे किसान, मजदूर , कर्मचारी और सामाजिक व राजनैतिक संगठनों से जुड़े लोगों ने एक सुर में कहा कि किसान आंदोलन अब जनांदोलन बन गया है और जब तक मोदी सरकार इन तीन कृषि कानूनों को वापिस लेने के साथ एमएसपी की गारंटी नहीं देती उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने हाथ उठाकर सर्वसम्मति से ऐलान किया कि 72 घंटे तक किसी वाहन से टोल नहीं वसुलने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिर्फ अपने मन की बात कहना जानने हैं और राजहठ के कारण देश के अन्नदाताओं का दर्द नहीं सुन रहे। जिसका खामियाजा उनको भुगतना पड़ेगा। धरने को शमशेर फौगाट, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, राजू मान, कमल सिंह प्रधान, धर्मेन्द्र छपार, वीरेंद्र किरोड़ी, सत्यवान शास्त्री, महेन्द्र सिंह, रामचंद्र, बलबीर बजाड़, आचार्य देवी सिंह, सुरेंद्र कुब्जानगर, आजाद सिंह, रणधीर घिकाड़ा, अजीत सांगवान, कृष्णा सांगवान, कविता, कमलेश, संतोष देसवाल, शीला, राजेश कुंगड़, वेद खेड़ी, सत्यवान, जितेंद्र नाथ, राजबीर कुंगड़, सुनिल सांगवान, रामकिशन मानकवास, देशमुख दादरवाल, कृष्ण छपार, ओममस्वरूप, प्रवीन चेयरमैन, सज्जन सिंगला, चंद्र मान, अनिल कुमार, दिलबाग नीमड़ी ने संबोधित किया।