नए कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन को और तेज करने ऐलान किया है। किसान नेता आंदोलन को धार देने के लिए महापंचायत कर रहे हैं। इस कड़ी में शुक्रवार को हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसान महापंचायत बुलाई गई। यहां. किसान नेता राकेश टिकैत ने पीएम के गृहराज्य को लेकर कहा कि हम राष्ट्रव्यापी मार्च करेंगे, गुजरात जाएंगे। यह केंद्र द्वारा नियंत्रित है। भारत आजाद है, लेकिन गुजरात के लोग कैद हैं।. अगर वे आंदोलन में शामिल होना चाहते हैं तो उन्हें जेल हो जाती है। राकेश टिकैत ने कहा कि हम पंचायती प्रणाली को मानने वाले लोग हैं। हम फैसलों के बीच में ना पंच बदलते हैं और न ही मंच बदलते हैं। हमारा दफ्तर सिंघु बार्डर पर ही रहेगा और हमारे लोग भी वहीं रहेंगे। जो सरकार की लाइन थी बातचीत करने की उसी लाइन पर वह बातचीत कर लें।
उन्होंने साफ कहा कि कृषि कानून निरस्त होने के बाद ही प्रदर्शनकारी किसानों की घर वापसी होगी। केंद्र चाहे तो आज बात कर ले या 10 दिनों में या अगले या अगले साल, हम तैयार हैं। हम दिल्ली से कील हटाए बिना नहीं जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक विवादित तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता एवं उनकी फसलों पर न्यूनतम ससमर्थन मूल्य की गारंटी नहीं दी जाती तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा।