तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। वहीं अब दिल्ली पुलिस ने बार्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को दोबारा से दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए कई स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था कर दी है। ताकि हर हाल में किसानों को राजधानी के भीतर दाखिल होने न दिया जाए। इसके लिए कंटीलें तारों से लेकर पक्की दीवार और रोड पर लंबी लंबी कीलें तक लगा दी गई हैं। दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर सहित दूसरी सीमाओं पर दिल्ली की ओर आने वाली सड़कों पर कीलें लगवा दी हैं। ये कीलें एक एक फुट तक लंबी हैं. कहीं रोड खुदवा कर सीमेंट से ऐसी लगवाई हैं, जिससे इन्हें तोड़ा न जा सके, तो कहीं लोहे की मोटी चद्दर में बैल्ड कराकर इन चादरों को जमीन में बिछवा दिया गया है ताकि किसान के ट्रैक्टर किसी भी स्थिति में प्रवेश न कर पाएं। यदि पार करने का प्रयास करेंगे तो ट्रैक्र ही पंचर हो जाएंगे।
इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने बार्डर इलाकों में दो- दो फुट मोटी कंक्रीट की दीवार भी बनवा दी है। इनकी उंचाई तीन-तीन फुट है. ये दीवार इतनी मोटी और मजबूत बनवाई हैं कि ट्रैक्टर की टक्कर से टूटे नहीं। इतना ही नहीं बार्डरों पर मेट्रो लाइन के किनारे लगने वाले कंटीले तार भी लगवाए गए हैं। ये तार इसलिए लगवाए गए हैं ताकि किसानी पैदल दिल्ली कूच करना चाहे तो भी न जा पाए।साथ ही दिल्ली में जिन-जिन बार्डरों पर किसान आंदोलन कर रहे हैं, वहां पर इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दी गई हैं, जिससे किसान आपस में सूचनाओं का आदान प्रदान न कर सके। किसान मोर्चा ने 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम का ऐलान किया है।
भारतीय किसान यूनियन (आर) के नेता बलबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम छह फरवरी को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक रोड ब्लॉक करेंगे। प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट बैन, बजट में किसानों को नजरअंदाज किए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर हम चक्का जाम करेंगे। किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्रीय बजट 2021-22 में किसानों की ‘अनदेखी’ की गई है, और उनके विरोध स्थलों पर पानी और बिजली की आपूर्ति को बंद कर दिया गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन दो महीने से अधिक समय से चल रहा है। आंदोलनकारी किसान तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं, सरकार तीनों कानून में संशोधन के लिए तैयार है लेकिन वापसी को लेकर ना कह चुकी है। सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की बैठकें हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ही सर्वदलीय बैठक में कहा था कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को उनकी सरकार की ओर से दिया गया प्रस्ताव ‘‘अब भी बरकरार’’ है और बातचीत में सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी है।.संयुक्त किसान मोर्चा ने गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी में कई जगहों पर हिंसा हुए।. इस दौरान काफी पुलिसकर्मी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों में कुछ लोगों ने लालकिले की प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा फहरा दिया था। मामले में दिल्ली पुलिस ने प्रमुख किसान नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालांकि हिंसा की घटना से संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को अलग कर लिया है।