किसान आंदोलन से जुड़ी इस खबर को जरूर पढ़े

राकेश टिकैत से डरे पंजाब के किसान नेता, शुरु की अपनी किसान महापंचायतें


हरियाणा में राकेश टिकैत की ताबड़तोड़ किसान महापंचायतों से डरे पंजाब के किसान नेताओं ने राज्य में अपनी की किसान महापंचायतें शुरु कर दी हैं। यहां के किसानों को डर है कि कहीं हरियाणा की तर्ज पर टिकैत पंजाब में भी ताबड़तोड़ किसान महापंचायतों के जरिए अपनी पैंठ न बढ़ा लें। हरियाणा के जींद, भिवानी, रोहतक और कुरुक्षेत्र में किसान महापंचायतों के बाद और भी कई जिलों में महापंचायतों के साथ टिकैत की योजना पंजाब में भी किसान महापंचायत करने की है, इससे पहले टिकैत पंजाब की धरती पर टिकते यहां के भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने अपनी ही महापंचायतें शुरु कर दी है। जींद के कंडेला में राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी के साथ मंच साझा करने वाले भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल के साथ अन्य किसान नेताओं में मनजीत धनेर, कुलवंत संधू, जोगिन्द्र सिंह उगराहां ने पंजाब की दूसरी सबसे बड़ी मंडी जगराओं से संयुक्त किसान मौर्चा महापंचायत की शुरुआत की है। गुरुवार को हुई इस प्रथम महापंचायत में हजारों किसान, मजदूरों, आढ़तियों, महिलाओं, बुजुर्गों तथा विभिन्न समर्थक संगठनों, बार एसोसिएशन के सदस्यों व बुद्धिजीवियों ने भाग लेकर कृषि कानूनों के विरोध में राेष प्रदर्शन किया। कृषि कानून के विरोध में 6 महीने से पंजाब की रेलवे ट्रैक्स और टोल प्लाजा पर धरने के बाद दिल्ली की सीमाओं को घेरने वाले पंजाब के किसान नेताओं की आंदोलन की अगुवाई को लेकर बरकार बढ़त 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले पर हुड़दंग के बाद कमजोर पड़ने लगी थी। सिंघु और टिकरी बॉर्डर से पंजाब के कई किसान वापस अपने गांवों को लौट आए हैं। टिकरी पर लंगर और अन्य सेवाओं के लिए आने वाले किसानों की संख्या भी घटने लगी थी। आंदोलन पंजाब के हाथों से फिसल कर पश्चिमी यूपी के किसानों के हाथ जाने के डर से पंजाब के 32 किसान संगठनों ने स्थानीय निकाय चुनाव के मद्देनजर पंजाब में ही किसान महापंचायतों के जरिए शक्ति प्रदर्शन की रणनीति बनाई है। केंद्र सरकार ने यदि तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए तो कोई बड़ी बात नहीं कि पंजाब के किसान 2022 के होने वाले पंजाब के विधानसभा चुनाव तक शक्ति प्रदर्शन के लिए धरनों पर बैठे रहें। गुरुवार को जगराओं मंडी में आयोजित किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष बलवीर सिंह राजेवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश के अन्नदाता किसान को परजीवी कहने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों को आंदोलनजीवी और परजीवी बताकर कर अन्नदाता के सम्मान को ठेस पहुंचाई है। राजेवाल ने कहा कि 26 जनवरी को जिन नौजवानों की गिरफ्तारी हुई है उन्हें छुड़वाने के लिए वकीलों की एक कमेटी गठित की गई जो इन किसानों के केस मुफ्त लड़ेगी। जेल में बंद नौजवानों के खाने-पीने के सामान का बिल संयुक्त किसान मोर्चा कमेटी देगी। उन्होंने कहा कि अब पंजाब, हरियाणा व यूपी के लोगों का खेती के काले कानूनों के खिलाफ गुस्सा महापंचायत का रूप धारण कर गया है।

महापंचायत में जुटी किसानों की भीड़ को विजय का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह भीड़ अब दिल्ली बार्डरों पर पहुंचनी चाहिए ताकि हमारा संघर्ष तेज हो सके।  उन्होंने हजारों किसानों को अपील करते हुए कहा कि हम सबका बस यही नारा है कि खेती के काले कानून रद्द करें। 26 जनवरी को दिल्ली में हुई घटना के पश्चात सरकार की आंदोलन को समाप्त करने की साजिशों के बाद किसान पूरे जोश में हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Chytré triky pro vaši kuchyni, zahradu a život: objevte naše nejlepší tipy a triky pro vaši každodenní rutinu. Uvařte si lahodné pokrmy a pěstujte si zeleninu jako profesionálové. Naše užitečné články vám pomohou vytvořit skvělý životní styl. Náročná hádanka: Шерлок Холмс и дьявольская загадка: поиск дровосека в мрачном Jak připravit irský jablečný koláč: rychlý recept krok Záhada sedmi vteřin: geniální Jen málokdo najde Získat nejnovější lifestylové tipy, kuchařské triky a užitečné články o zahradničení na našem webu! Najdete zde spoustu inspirace pro vylepšení svého každodenního života a získání nových dovedností. Buďte součástí naší komunity a objevujte společně s námi radost z jednoduchých, ale efektivních triků pro pohodlnější a zdravější život!