प्रशासन के दवाब बनाने से भड़के लोग, कितलाना टोल पर उमडी भीड़
कितलाना टोल प्लाजा से धरना उठाने को लेकर प्रशासन के दवाब बनाने की रणनीति उल्टी पड़ती दिखाई दे रही है। उसकी प्रतिक्रिया स्वरूप आज टोल पर आम दिनों के मुकाबले तीन गुना भीड़ उमड़ी। धरने पर सरकार और प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन कर निंदा प्रस्ताव पास किया गया। अनिश्चित कालीन धरने के 36वें दिन आंदोलनकारियों ने सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा के एक भी नेता या कार्यकर्ता के खिलाफ कोई कार्यवाही की तो उसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि जब तक धरना चलेगा किसी तरह का टोल नहीं वसूलने दिया जाएगा। किसान नेताओं ने कहा तिरंगा हमारे देश की आन बान और शान है। उन्होंने लालकिले की घटना की निंदा करते हुए कहा कि इसके पीछे पूर्ण रूप से सरकार का हाथ है जिस पर आरोप लगे हैं वो तो भाजपा का ही पिट्ठू निकला यही वजह है कि उसको अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए सरकार ने षड्यंत्र रचा था वह बेनकाब हो गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आजादी के बाद पहली बार लाखों ट्रैक्टरों पर किसानों ने तिरंगा लगाकर देश का गौरव बढ़ाया। आज भी सभी धरना स्थलों पर तिरंगा लहरा रहा है। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान ने कहा कि सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा नेता राकेश टिकैत के साथ जो ज्यादती की उसको लेकर जनता में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान किसानों के बदन पर पड़ी एक एक लाठी मोदी और खट्टर सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होंगी। पूर्व विधायक नृपेंद्र मांढी ने कहा कि किसान आंदोलन अब तीनों काले कृषि कानून रद्द होने पर ही थमेगा। किसानों के अनिश्चित कालीन धरने के 36वें दिन नरसिंह डीपीई, बलवंत नंबरदार, बिजेंद्र श्योराण, रघुबीर श्योराण, राकेश आर्य, रत्तन जिंदल, बलबीर बजाड़ और सुभाष यादव ने संयुक्त अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि आंदोलन अब ओर तेजी पकड़ेगा और कामयाबी मिलने तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कल सुबह 10 बजे सांगवान 40 की अहम पंचायत सांगू धाम पर और श्योराण 25 सर्वजातीय खाप की पंचायत कल ही सुबह 11 बाढड़ा अनाज मंडी में आयोजित होंगी। जिसमें आंदोलन में तीव्रता लाने को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा। मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश और रणधीर घिकाड़ा ने किया। इस अवसर पर मास्टर शेर सिंह, गंगाराम श्योराण, हवा सिंह सांगवान, राजू मान, राजकुमार हड़ौदी, सीताराम शर्मा, कमल प्रधान, सत्यवान शास्त्री, डॉ विजय सांगवान, धर्मेन्द्र छपार, सज्जन सिंगला, अधिवक्ता सत्यजीत पिलानियां, ब्रह्मानंद, शीला बलियाली, कमलेश भैरवी, निर्मला देवी पांडवान, कृष्णा सांगवान, सत्या लेघा, सरदार इंद्रमोहन, दिलबाग नीमड़ी, सुनील गोलपुरिया, रिसाल कौर, रतन्नी, निम्बो, अडिसाल, रतिराम, सुरजभान सांगवान, सुरेंद्र कुब्जानगर, विद्यानंद हंसावास, महेंद्र प्रजापति, दिलबाग ग्रेवाल, सूबेदार सतबीर सिंह, महेंद्र जेवली, रणबीर फौजी, सतपाल चरखी, ओमप्रकाश सैनी, सत्यवान बलियाली इत्यादि मौजूद थे।