इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर के समस्त रिसोर्स पर्सन्स ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा वहां के शिक्षकों की आवाज दबाने व उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार न करने के विरोध में एकजुटता दिखाईं। इन शिक्षकों का कहना है कि किसी भी विवि के कुलपति उस विवि की धुरी होते हैं । विवि के विकास की समस्त प्रक्रिया उन्हीं के चारों तरफ घूमती हैं। कुलपति पूरे विश्व विद्यालय परिवार के पालक के रूप में होते हैं व अन्य सभी कर्मचारी उस परिवार की संतान की भांति होते हैं। विगत सप्ताह में कुरुक्षेत्र विवि के रिसोर्स पर्सन के संदर्भ में कुलपति कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्रतिक्रिया बेहद आहत करने वाली रही। जिसके कारण आईजीयू मीरपुर के समस्त रिसोर्स पर्सन द्वारा सर्व कर्मचारी संघ,हरियाणा और हरियाणा यूनिवर्सिटीज अनुबंधित शिक्षक संघ हरियाणा दोनों की कॉल पर बैठक कर एकजुटता प्रकट की । कुरुक्षेत्र विवि के अस्थाई असिस्टेंट प्रोफेसर पिछले कई दिनों से 7वे वेतन आयोग के अनुसार न्युनतम वेतन 57,700 के लिए आंदोलन कर रहे है। विवि प्रशासन द्वारा 22 सितंबर 2020 को 7 वे वेतन आयोग के अनुसार न्युनतम वेतन 57,700 का आफिस आर्डर निकाला गया था उसके बाद कार्यकारी परिषद में पास भी कर दिया था। लेकिन उसे अब तक क्रियान्वयन नहीं किया है। विवि के अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसर इस आफिस आर्डर को लागू करवाने के लिए शांति पूर्ण रूप से संवैधानिक दायरे में रहकर आंदोलन कर रहे है। इस आंदोलन के दौरान विवि के कुलपति द्वारा अस्थाई असिस्टेंट प्रोफेसरों को पद मुक्त करने की धमकी दी गई जो निंदनीय है। आईजीयू में हुई बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि हम शिक्षक होने के नाते अपने शिक्षक साथियों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार सहन नहीं करेंगे। आईजीयू मीरपुर के सभी रिसोर्स पर्सन्स कुरुक्षेत्र विवि अस्थाई असिस्टेंट प्रोफेसरों के आंदोलन का कंधे से कंधा मिलाकर तब तक साथ देंगे , जब तक कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय वहां के शिक्षकों की मांग नहीं मानता है।