कोरोनाः अगस्त में आएगी तीसरी लहर, सितंबर में होगा पीक, जानें कितनी खतरनाक

देश मं कोरोना की कमजोर पड़ती दूसरी लहर के बीच अब अगस्त के मध्य तक खतरनाक तीसरी लहर आने की संभावना है, जबकि पीक  सितंबर में पहुंच सकता है। ये आशंका एसबीआई की एक रिपोर्ट में जाहिर की गई है। एसबीआई रिसर्च द्वारा प्रकाशित ‘कोविड -19: द रेस टू फिनिशिंग लाइन’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीनेशन ही एकमात्र बचावकर्ता है क्योंकि वैश्विक डेटा से पता चलता है कि तीसरी लहर का पीक दूसरी लहर के पीक से दोगुना या 1.7 गुना ज्यादा होगा। भारत में केवल 4.6 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया गया है, जबकि 20.8 प्रतिशत को एक खुराक मिली है, जो अमेरिका (47.1 प्रतिशत), यूके (48.7 प्रतिशत), इजराइल (59.8 प्रतिशत) स्पेन (38.5 प्रतिशत), फ्रांस (31.2) में अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है।रिपोर्ट के अनुसार, ‘भारत ने 7 मई को अपना दूसरा वेव पीक हासिल कर लिया है और मौजूदा आंकड़ों के अनुसार, देश जुलाई के दूसरे सप्ताह में रोजाना नए मामलों की संख्या 10 हजार तक आ जाएगी। यह अगस्त के दूसरे पखवाड़े से फिर बढ़ना शुरू होगी। देश में रविवार को 40,111 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस दौरान 42,322 लोग ठीक भी हुए।दूसरी लहर का कहर कम भले हो गया लेकिन, यह अभी जारी है। हर रोज सैकड़ों लोग वायरस के संक्रमण से जान गंवा रहे हैं। रविवार को 725 लोगों की संक्रमण से मौत हुई। हालांकि, यह आंकड़ा 88 दिनों में सबसे कम है। इससे पहले 7 अप्रैल को 684 लोगों की मौत हुई थी। देश में रविवार को 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 10 से भी कम लोगों की जान गई। यानी यहां मौतों का आंकड़ा दहाई से भी कम रहा। वहीं, 7 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई। इसके अलावा, 12 राज्यों से अब तक डेल्टा प्लस संस्करण के 51 मामलों का पता चला है। शीर्ष 15 जिलों में नए मामले, जो ज्यादातर शहरी हैं, जून में केस फिर से बढ़े। लेकिन अच्छी बात यह है कि तीन महीने से इनकी मृत्यु दर स्थिर है। दूसरी ओर, नए मामलों में ग्रामीण जिलों की हिस्सेदारी जुलाई 2020 से सार्थक रूप से घटने से इनकार कर रही है, जब यह 45 प्रतिशत से अधिक हो गई थी और तब से इसमें उतार-चढ़ाव आया है। डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने पिछले साल कोरोना संक्रमण मामलों का अनुमान लगाने के लिए एक पैनल का गठन किया था। ये पैनल मैथमेटिकल मॉडल के जरिए अनुमान लगाता है। अब कोरोना की तीसरी लहर पर पैनल का मानना है कि अगर कोविड प्रोटोकॉल का ठीक तरह से पालन नहीं किया गया तो अक्टूबर-नवंबर में तीसरी लहर अपने पीक पर हो सकती है। कोरोना के मामलों में कमी और नियमों में छूट दिए जाने के बाद देशभर में लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। चाहे दिल्ली के बाजार हों या पर्यटन स्थल हर जोगह लोगों की भारी भीड़ कोरोना नियमों का उल्लंघन करते हुए उमड़ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: