नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने बताया कि ब्रिटेन में फैले कोरोना के नये स्ट्रेन का एक भी मामला अब तक भारत में नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में पहचाने गए सार्स-सीओवी-2 के नए प्रकार में संक्रमण अधिक तेजी से फैलाने की क्षमता है लेकिन यह बीमारी की गंभीरता और मौत के मामलों को प्रभावित नहीं कर रहा है। चिंता करने का कोई कारण नहीं है लेकिन सतर्क रहना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस वार्ता में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि ब्रिटेन में दिख रहे कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन जैसे मामले भारत में अब तक नहीं मिले हैं। ब्रिटेन में वायरस के नए रूप पर डॉ. वीके पॉल ने कहा कि इस म्यूटेशन से वायरस के एक से दूसरे व्यक्ति में जाने की ट्रांसमिसिबिलिटी बढ़ गई है, ऐसा भी कहा जाता है कि ट्रांसमिसिबिलिटी 70 फीसदी बढ़ गई है। पॉल ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर बहुत सारे देशों में परेशानी बढ़ रही है। यूरोप में मामलों में बढ़ोतरी हुई है और बहुत सारे देशों ने अपने यहां लॉकडाउन लगाया है। इस तरह से हम अपने आपको बहुत अच्छी स्थिति में पाते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने देश में कोरोना वायरस की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ऐसा लगभग साढ़े पांच महीने बाद हुआ है कि भारत में तीन लाख से कम एक्टिव मामले हैं। वर्तमान में भारत में कुल मामलों के सिर्फ 3 प्रतिशत एक्टिव मामले हैं। बता दें कि ब्रिटेन की सरकार ने चेताया है कि नए तरह के कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल सकता है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप के तेजी से फैलने के बाद क्रिसमस से पहले दक्षिणी इंग्लैंड में बाजारों को बंद करने और लोगों के जमावड़े पर रोक लगाने की घोषणा की है।. कोरोना वायरस के नए स्वरूप के फैलने के बाद भारत सरकार भी अलर्ट है। सोमवार को ही केंद्र ने ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइट को रद्द कर दिया। नागर विमानन मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि कोरोना वायरस का नया प्रकार (स्ट्रेन) सामने आने के मद्देनजर 23 से 31 दिसम्बर तक ब्रिटेन से भारत आने-जाने वाली उड़ानें स्थगित रहेंगी। मंगलवार तक ब्रिटेन की उड़ानों से आने वाले सभी यात्रियों की हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद कोविड-19 जांच अनिवार्य होगी।