दिल्ली व कर्नाटक सरकार की तर्ज पर हरियाणा, पंजाब व चण्डीगढ सरकार वकीलों को दे 100 करोड़ की आर्थिक सहायता
शुक्रवार को चण्डीगढ स्थित ला भवन में बार काउंसिल ऑफ पंजाब एण्ड हरियाणा, चण्डीगढ की एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई। बैठक की अध्यक्षता बार काउंसिल आफ पंजाब एण्ड हरियाणा के चैयरमेन एडवोकेट मिंदरजीत यादव की अध्यक्षता में हुई। एडवोकेट मिंदरजीत यादव ने बताया कि यह आपातकालीन बैठक कोरोनाकाल में कोर्ट की कार्य प्रणाली व वकीलों को आर्थिक सहायता प्रदान करवाने को लेकर की गई। इस समय कोरोना जिस रफतार से बढ़ रहा है उसे रोकने की सख्त आवश्यकता है जिसके लिए न्यायालयों को पूरी तरह से बंद करना होगा। उन्होने पंजाब एण्ड हरियाणा के हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से मांग की है कि 15 मई तक पूरे पंजाब, हरियाणा व चण्डीगढ के सभी न्यायालयों को पूर्ण रूप से बंद कर देना चाहिए तथा अत्याधिक महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई विडियो कांफ्रेस के माध्यम से होनी चाहिए।
वहीं बार काउंसिल आॅफ पंजाब एण्ड हरियाणा के चैयरमेन एडवोकेट मिंदरजीत यादव ने पंजाब व हरियाणा के मुख्यमंत्री तथा चण्डीगढ के राज्यपाल से मांग करते हुए कहा कि जिस प्रकार से दिल्ली सरकार व कर्नाटक सरकार द्वारा बार काउंसिल आॅफ दिल्ली व बार काउंसिल आफ कर्नाटक के वकीलों को आर्थिक सहायता देने के लिए 50 करोड़ रूप्ये की राशि दी गई है उसी प्रकार बार काउंसिल आफ पंजाब एण्ड हरियाणा, चण्डीगढ के वकीलों के लिए भी सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
तीसरे मुददे पर विचार करते हुए बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जिन वकीलों की कोरोना से मृत्यु हुई है उनके परिवार वालों को तथा जो वकील कोरोना पाजीटिव हुए है उन्हें भी बार काउंसिल ऑफ पंजाब एण्ड हरियाणा की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। उनके इन तीनों निर्णयों का सभी अधिवक्ताओं ने स्वागत किया और सराहना की।