कोरोना पीड़ितों के साथ किसने मानवता दिखाई, कौन बन रहा शैतान, सबकुछ सामने आ रहा है: अरविंद यादव

 हरको बैंक के चेयरमैन अरविंद यादव ने कहा कि कोरोना के तेजी से बढ़ने के कारण बने मौजूदा हालात में इंसान के दो चरित्र सामने आ रहे हैं। पहला वह अपने स्तर पर एक दूसरे की मदद कर इंसानियत और मानवता की मिशाल पेश कर रहा है वहीं दूसरी तरफ अपने स्वार्थ और लालच में वशीभूत होकर शैतान बनकर पीड़ितों को भी लूटने खसोटने में किसी भी हद को पार कर रहा है। अरविंद यादव पिछले 10 दिनों से आमजन से मिलना बंद कर मोबाइल से ही संवाद बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि हालात बेहद गंभीर है। इसके बावजूद लोग सबक नहीं ले रहे हैं। बार बार अनुरोध के बावजूद टोली बनाकर और भीड़ जुटाकर कोरोना से बचने का संदेश दे रहे हैं। यह क्या है। कोरी वाही वाही से बचना चाहिए।  इस वायरस से जंग लड़ने का जिम्मा अकेले सरकार या प्रशासन का नहीं है हम सभी का है। कम से कम इस महामारी पर तो राजनीति से दूर रहना चाहिए। बड़ा दुख होता है जब कुछ डॉक्टर्स एंबुलेंस, इलाज, आक्सीजन, वैनटीलेटर के नाम पर अनाप शनाप बिल बना रहे हैं। आखिर वे ऐसा करके जिंदगी के किस मुकाम को हासिल करना चाहते हैं। जो लोग स्वास्थ्य क्षेत्र से नहीं जुड़े हैं वे कम से कम अपने घरों में परिवार के साथ रहे। कोई निमंत्रण मिला हुआ है। हाथ जोड़कर नहीं आने का मैसेज दे। कमाई के लालच को कुछ समय के लिए त्याग दें। अपने आस पास जरूरतमंद की मदद करें। एक दूसरे की चेन बनाए। हम पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हैं। सोशल डिस्टेंस एवं मास्क बांटना ठीक है लेकिन सबसे जरूरी है खुद पर नियंत्रण कर घर पर रहकर अपनी जिम्मेदारियों को निभाना। सभी की अलग अलग मजबूरियां हो सकती है। उसका उसी अनुरूप समाधान भी निकाला जा सकता है। यह हरगिज नहीं भूले कि अभी तक मुझे कुछ नहीं हुआ है तो आगे भी कुछ नहीं होगा। कोरोना की यह दूसरी लहर कितनी खतरनाक बनती जा रही है। यह अपने आस पास अस्पतालों में जिंदगी मौत से लड़ रहे मरीज और उनके परिजनों से समझा जा सकता है।   

 

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