तीन रोज पहले देशभर में कोरोना महामारी के नये मामलों में तीन महीने में सबसे अधिक गिरावट के संतोषजनक समाचार के तुरंत बाद अनेक राज्यों में संक्रमण का तेजी से बढ़ने के मामले भी अब लगातार मिल रहे हेँ।दिल्ली में तो अब तक का सर्वाधिक संक्रमण और इससे होनेवाली मौतों का आंकड़ा सामने आया है। माना जा रहा है कि इसका कारण पूजा के उत्सवों तथा बाजारों में बड़ी संख्या में लोगों का रूटीन की तरह जुटना है।
मौसम अब करवट ले रहा है और ठंड में कोविड-19 वायरस के फैलने की आशंका भी अधिक है। साथ ही देश में वायु प्रदूषण भी एक गंभीर समस्या है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना से हुई 16 से 20 फीसदी मौतों में प्रदूषण का बहुत योगदान हो सकता है। चिंता बढ़ने का एक अहम वजह यह भी है कि यूरोप और अमेरिका में एक बार फिर कोरोना ने कहर बरपा किया है।
संक्रमणों की संख्या वहां भी अब तक के उच्चतम स्तर को छूती दिख रही है. इससे महामारी की रोकथाम के अब तक की कोशिशों पर सवालिया निशान लग रहा है। फ्रांस, जर्मनी समेत यूरोप के कई हिस्सों में फिर से लॉकडाउन जैसी पाबंदियों को लागू किया जा रहा है। फ्रांस में शुक्रवार से जहां पूरे देश में लॉकडाउन होगा, वहीं जर्मनी में एक महीने के लिए रेस्तरां, बार और थिएटर बंद कर दिये गये हैं. स्विट्जरलैंड, इटली, बुल्गारिया और यूनान में भी कड़े कदम उठाये जा रहे हैं। अमेरिका में शायद ही कोई ऐसा राज्य है, जहां संक्रमण में वृद्धि नहीं हो रही है. वहां भी पाबंदियों पर विचार हो रहा है। यूरोप में अब तक 2.50 तथा अमेरिका में 2.27 लाख से अधिक लोग कोरोना के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं।
भारत में मृतकों की संख्या 1.21 लाख से अधिक है. दुनिया असरदार टीके का इंतजार कर रही है, अर्थव्यवस्था में मंदी है और वायरस फिर से उभर रहा है। इस अनिश्चितता के माहौल में हमारे सामने निर्देशों का ठीक से पालन करने तथा किसी भी तरह की चूक से बचने के अलावा फिलहाल कोई विकल्प नहीं है.