क्या कांग्रेस के पास पैसे नहीं हैं, ‘देश के लिए दान’ अभियान की घोषणा क्यों

रणघोष अपडेट. देशभर से 

कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि 18 दिसंबर से ‘डोनेट फॉर देश’ नाम से एक ऑनलाइन क्राउड फंडिंग अभियान शुरू किया जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि यह पहल 1920-21 में महात्मा गांधी के ऐतिहासिक ‘तिलक स्वराज फंड’ से प्रेरित है। दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा, “आज (शनिवार) हम ‘डोनेट फॉर देश’ नाम से ऑनलाइन क्राउड फंडिंग कार्यक्रम की घोषणा कर रहे हैं।”उन्होंने कहा: “यह पहल 1920-21 में महात्मा गांधी के ऐतिहासिक ‘तिलक स्वराज फंड’ से प्रेरित है और इसका उद्देश्य समान संसाधन वितरण और अवसरों से समृद्ध भारत बनाने में हमारी पार्टी को सशक्त बनाना है।”वेणुगोपाल ने कहा, “हमारा अभियान ‘बेहतर भारत के लिए दान’ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की 138 साल की यात्रा का जश्न है।” वेणुगोपाल ने कहा, “अपने इतिहास को दोहराते हुए, हम समर्थकों से 138 रुपये या 1380 रुपये या 13,800 रुपये या उससे अधिक दान करने के लिए आमंत्रित करते हैं, जो बेहतर भारत के लिए पार्टी की स्थायी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि इस ऑनलाइन क्राउडफंडिंग के लिए दो चैनल बनाए गए हैं, एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल: Donateinc.in के माध्यम से और दूसरा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की आधिकारिक वेबसाइट: www.inc.in के माध्यम से।

कांग्रेस को क्यों दान मांगना पड़ा

तमाम सरकारी, गैर सरकारी रिपोर्ट बताती हैं कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी देश की सबसे अमीर पार्टी है। कांग्रेस उसके मुकाबले कहीं नहीं ठहरती। अभी जब पांच राज्यों के चुनाव हुए तो चुनावी बांड के जरिए भाजपा को सबसे ज्यादा पैसा आया था।

चुनाव आयोग की नजर में सबसे अमीर पार्टी

चुनाव आयोग की जनवरी 2023 में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 (अप्रैल 2021-मार्च 2022) के दौरान भाजपा की आमदनी 1,917.12 करोड़ रुपये रही, जो अन्य सभी सात राष्ट्रीय दलों की तुलना में सबसे अधिक है। चुनाव आयोग ने सभी दलों के खातों का ऑडिट करने के बाद यह घोषणा की थी। भाजपा के बाद अमीर पार्टियों में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और उसके बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नंबर आता है।भाजपा को दान से 1,775 करोड़ रुपये मिले थे। इसमें 1033 करोड़ रुपये चुनावी बांड से आए थे। यानी भाजपा को देश के अज्ञात उद्योग समूहों, उद्योगपतियों ने चुनावी बांड खरीदकर मदद की थी। इसी अवधि (2021-22) के दौरान टीएमसी को 545.74 करोड़ रुपये मिले। कांग्रेस को 541.27 करोड़ मिले। संपत्ति और देनदारी में कौन आगे

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक आठ राष्ट्रीय दलों के पास 2021-22 में कुल मिलाकर 8,829.15 करोड़ रुपये की संपत्ति थी, जो पिछले वित्त वर्ष से 20.98 प्रतिशत अधिक है, जबकि भाजपा के पास सबसे अधिक 6,046.81 करोड़ रुपये या कुल का 69 प्रतिशत है। यानी सभी 8 दलों की संपत्ति का 69 फीसदी अकेले भाजपा के पास है

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