अनुच्छेद 370 की बहाली तक तिरंगा झंडा ना उठाने का विवादित बयान देकर भारी आलोचना का सामना कर रही पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती क्या अब कश्मीर के लोगों के नाम पर वहां के युवाओं को बरगला रही हैं? क्या महबूबा युवाओं को भड़का रहीं हैं? यह सब उनके दिए बयानों से साफ जाहिर होता है।
पीडीपी अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे की बहाली के वास्ते किसी भी हद तक संघर्ष करेंगी। पीडीपी की युवा इकाई की ओर से आयोजित कार्यक्रम के बाद महबूबा ने कहा, ”हमने अपना जीवन जिया …. अब हमें युवाओं और उनके बच्चों के बारे में सोचना होगा। हमारे युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं।”
युवाओं से बोलीं महबूबा- किसी भी हद तक संघर्ष करेंगे
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अतीत में उनकी पार्टी ने पुलिस कार्यबल की कथित ज्यादतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और आतंकवादियों का आत्मसमर्पण कराया था, लेकिन अब पार्टी जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली पर ध्यान केंद्रित करेगी।
उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में युवा भी उनके साथ हैं और उनका समर्थन उन्हें प्रोत्साहित करता है। महबूबा ने कहा, ” मुफ्ती मोहम्मद सईद का यह सपना था कि जम्मू-कश्मीर, भारत और इसके पड़ोसियों के बीच एक पुल होना चाहिए। केंद्र को अंतत: इस सिद्धांत का अनुसरण करना होगा।”
तिरंगा पर क्या बोलीं थी महबूबा?
इससे पहले, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि वो कश्मीर के अलावा कोई झंडा नहीं उठाएंगी। लंबे समय बाद मीडिया से बात करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि मैं जम्मू-कश्मीर के अलावा दूसरा कोई झंडा नहीं उठाऊंगी। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जिस वक्त हमारा ये झंडा वापस आएगा, हम उस झंडे को भी उठा लेंगे। मगर जब तक हमारा अपना झंडा वापस आ नहीं जाता है तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे।
वहीं, चुनाव के लड़ने के सवाल पर महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि उनकी पार्टी और हाल ही बने पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेयरेशन साथ मिल कर निर्णय करेंगे कि केन्द्र शासित क्षेत्र में चुनाव लड़ना है अथवा नहीं। जम्मू कश्मीर की मुख्यधारा की पार्टियों ने पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल कराने और इस मुद्दे पर सभी पक्षकारों से बातचीत के लिए 15 अक्टूबर को गुपकर एलायंस का गठन किया है।
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को पिछले वर्ष अगस्त में समाप्त किए जाने के बाद से महबूबा हिरासत में थीं। रिहा होने के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि पूर्व राज्य का झंडा और संविधान बहाल होने तक उन्हें व्यक्तिगत तौर पर चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है।