मौजूदा लोकसभा चुनाव में नहीं है पीएम मोदी के नाम की लहर
गुड़गांव संसदीय क्षेत्र में 25 लाख 73000 मतदाता है मौजूद
रणघोष खास. गुरुग्राम से फतेह सिंह उजाला
वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव का प्रचार थमने में अब कुछ ही समय बचा हुआ है। गुड़गांव से मुख्य मुकाबले में माने जा रहे भाजपा के केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और पूर्व सांसद कांग्रेस के राज बब्बर के बीच मुकाबला सांस रोकने वाला बना हुआ महसूस किया जा रहा है । इस बार मोदी मंत्रिमंडल के वजीर राव इंद्रजीत सिंह के लिए अपनी जीत के मार्जिन को बढ़ाना उनके लिए चुनौती कहा जा रहा है। राजनीति के जानकारों का साफ–साफ कहना है इस बार फील्ड में आम जनता के बीच वर्ष 2019 की तरह मोदी के नाम की लहर दिखाई नहीं दे रही है। जीत के मार्जिन को और अधिक बढ़ाने में यह एक बड़ा फैक्टर भी हो सकता है । जब से राव इंद्रजीत सिंह को प्रत्याशी घोषित किया गया और उनके द्वारा अपना चुनाव प्रचार अभियान चलाया गया है, अभी तक जब चुनाव प्रचार थमने में कुछ ही समय बाकी है । तब तक भाजपा का कोई भी बड़ा राष्ट्रीय चेहरा अथवा स्टार प्रचारक गुरुग्राम संसदीय क्षेत्र में भाजपा या फिर अपने उम्मीदवार राव इंद्रजीत सिंह के जीत के मार्जिन को बढ़ाने के लिए नहीं पहुंच सका है। नामांकन किया जाने से जैसे खास मौके पर ही भाजपा के बड़े चेहरे दिखाई दिए। इसके अलावा स्वयं लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नाम महत्वपूर्ण कहे जा सकते हैं । इसके अलावा पूरा चुनाव का बोझ स्वयं राव इंद्रजीत सिंह और उनकी पुत्री आरती राव के द्वारा अपने अपने कंधों पर उठाया गया है। मौजूदा समय में गुड़गांव संसदीय क्षेत्र में 25 लाख 73000 वाटर मौजूद है । इनमें से 1361000 पुरुष और 12 लाख 11000 महिला मतदाता शामिल है। लगभग 77000 इस बार नई वोटर भी शामिल है। बावल विधानसभा क्षेत्र में 226000 वोटर, रेवाड़ी में 250000, पटौदी में 2 लाख 51 000, गुड़गांव में चार लाख 24 हजार, सोहना में 278000 मतदाता मौजूद हैं । मेवात कहे जाने वाले इलाके के नुह विधानसभा क्षेत्र में 220000 मतदाता, फिरोजपुर झिरका में 240000 मतदाता और पुनहाना में 2 लाख से अधिक मतदाता आने वाली 25 तारीख को दिल्ली जाने वाले सांसद का भविष्य निश्चित करेंगे।
2019 के लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो आज भी आम जनता इस बात को डंके की चोट पर कहती है कि उसे समय मोदी के नाम की लहर अथवा आंधी चली हुई थी। लेकिन वर्ष 2024 आते आते यह आंधी अथवा लहर बहुत हद तक शांत भी हो चुकी है । भाजपा के लिए वर्ष 2014 से ही मेवात का दिल जीतना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। राजनीति के जानकारों का अभी भी यही मानना है कि इस बार भी मेवात का दिल जीतना भाजपा और भाजपा के उम्मीदवार दोनों के लिए पहेली बना हुआ है । मेवात क्षेत्र से ही इस बार जननायक जनता पार्टी की तरफ से प्रख्यात सिंगर राहुल फाजिलपुरिया को और इंडियन नेशनल लोकदल की तरफ से सौराब खान को भाजपा और कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए भेजा गया है। दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व सांसद उम्मीदवार राज बब्बर के पक्ष में आम आदमी पार्टी के नेताओं तथा स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव जो की पहले भी राव इंद्रजीत सिंह के विरुद्ध चुनाव लड़ चुके, उनके द्वारा समर्थन किया गया। आम आदमी पार्टी और स्वराज इंडिया के समर्थक और कार्यकर्ता पूरे गुड़गांव संसदीय क्षेत्र में मौजूद और सक्रिय भी बताए गए हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में कांग्रेस के कप्तान अजय और राव इंद्रजीत सिंह के बीच आमने–सामने का मुकाबला रहा। इस मुकाबले में बावल से राव इंद्रजीत ने लगभग 90000 वोट की लीड ली, अपने गृह क्षेत्र रेवाड़ी से उनको 85000 वोट की लीड मिली । सबसे मजबूत राजनीतिक गढ़ पटौदी में राव इंद्रजीत को लगभग 95000 वोट की बढ़त प्राप्त हुई । बादशाहपुर में 123 000 वोट, सोहना में 35 000 वोट की बढ़ोतरी प्राप्त की। लेकिन मामला मेवात कहे जाने वाले नूहू विधानसभा क्षेत्र में जाकर उल्टा हो गया, यहां पर लगभग 48000 वोट से राव पीछे गए । फिरोजपुर झिरका में 81000 वोट और पुनहाना में 59000 वोट से पीछे चलने का चुनाव परिणाम सामने आया । इस प्रकार से राव इंद्रजीत सिंह ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 382000 वोट से सबसे बड़ी जीत अपने नाम दर्ज करवाई। राजनीति के जानकारों का मानना है कि वर्ष 2024 के चुनाव में राजनीतिक रूप से बराबर का उम्मीदवार राज बब्बर आने से मुकाबला सांस रोकने वाला बना हुआ है। यह बात अलग है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही खेमे के कार्यकर्ता और समर्थक अपनी अपनी जीत के दावे ठोक रहे हैं। लेकिन 25 तारीख को मतदान के समय जो भी खेमा या पॉलीटिकल पार्टी अथवा नेता बूथ पर मजबूत रहेगा, उसकी जीत के उतने ही अधिक संभावना व्यक्त की जा रही है।