– किसानों से माफी मांगते हुए तुरन्त तीनों काले कानूनों को रद्द कर एमएसपी की गारंटी वाला कानून बनाये केंद्र सरकार।
संयुक्त किसान मोर्चे के 3 धंटे के चक्का जाम के आह्वान पर आज मकड़ौली टोल प्लाजा किसान धरने पर पहुंचे विधायक बलराज कुंडू ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शांति एवं अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए किसान पूरी मजबूती से अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे हैं। संघर्ष कितना ही लम्बा क्यों ना हो अंत में जीत किसानों की ही होगी। संकट एवं संघर्ष के दौर में मैं हमेशा अपने किसान परिवार के साथ खड़ा हूँ। आज देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी किसान आंदोलन को भरपूर समर्थन मिल रहा है। केंद्र से पुनः आग्रह है कि अपनी गलती का एहसास करते हुए तीनों काले कानूनों को वापस लेकर अन्नदाता से माफी मांगते हुए सरकार किसानों को उनके हक देकर घर भेजने का काम करे। जब तक मांगें नहीं मानी जायेगी किसान घर वापसी नहीं करेंगे क्योंकि किसान किसी सत्ता या कुर्सी के लिए सड़कों पर आकर आंदोलन नहीं कर रहे बल्कि अपने पेट एवं बच्चों के भविष्य की लड़ाई लड़ रहे हैं। बलराज कुंडू ने कहा कि सरकार अड़ियल रुख अख्तियार कर आखिर क्या साबित करना चाहती है ? आन्दोलन में रोजाना हो रही किसानों की शहादतें दुखदायी हैं और सरकार को भी चाहिए कि मानवीयता का परिचय देकर इन तीनों काले कानूनों को तुरन्त वापस लेकर कर्मयोगी अन्नदाताओं के हित में एमएसपी की गारंटी का कानून लेकर आये तथा संयुक्त किसान मोर्चे की सभी मांगों को स्वीकार करे। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि वे किसानों से सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हैं तो दूसरी तरफ सड़कों को खोदकर एवं कीलें बिछाकर कंक्रीट की दीवारें खड़ी कर दी गयी हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार की करनी और कथनी में कितना बड़ा अंतर है। केंद्रीय कृषि मंत्री इन काले कानूनों को किसानों के लिए हितकारी बता रहे हैं लेकिन यह तक नहीं बता पा रहे कि इन कानूनों से किसानों का भला कैसे होगा। जबकि किसान इस बात को बहुत अच्छे से समझ चुके हैं कि ये कानून खेती एवं किसानी के साथ-साथ उनके बच्चों के भविष्य को भी बर्बाद करके रख देंगे। मैं चैलेंज करता हूं कृषि मंत्री इन कानूनों का ज्यादा नहीं सिर्फ एक फायदा साबित करके दिखा दें। बलराज कुंडू ने कहा कि ये तीनों काले कानून दरअसल किसानों के हित देखकर नहीं बनाए गए हैं ये कानून तो भाजपा के पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिये बनाये गए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांगें नहीं मान ली जाती तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा और कानून वापसी के बाद ही किसानों की घर वापसी होगी। कुंडू ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जो भी किसान भाई इस आंदोलन में शहीद हुए हैं उन सबके परिवारों को कम से कम पचास-पचास लाख की आर्थिक सहायता एवं परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।