चरखी दादरी जैन समाज ने धूमधाम से मनाया साध्वी अक्षिता और साध्वी रक्षिता का 18 वां दीक्षा दिवस

महासाध्वी शक्तिप्रभा की शिष्याएं जैन साध्वी अक्षिता रक्षिता के साध्व पथ पर 18 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन रविवार स्थानीय छोटी बजारी स्थित जैन स्थानक परिसर में किया गया। प्रथम दिवस 108 एकासना व्रत जैन समाज के नागरिकों, बच्चों द्वारा किए। इस दौरान जैन उपप्रवर्तक महाश्रमण पंडित रतन आनंद मुनि जी तथा प्रवचन दिवाकर दीपेश मुनि का सानिध्य रहा। पूरे जैन संस्कारों सहित पूरे रीति रिवाजों को संपन्न करवाया गया। दोनों साध्वीयों को जैन धर्म की परंपरा अनुसार उपाधियां प्रदान की गई। जैन उपप्रवर्तक महाश्रमण पंडित रतन आनंद मुनि द्वारा साध्वी अक्षिता को स्वर कोकिला रक्षिता को प्रज्ञा श्रमणी की उपाधी प्रदान करते हुए शाल ओढाकर मुनियों जैन समाज के मौजिज नागरिकों द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान जैन समाज के बच्चों ने दीक्षा दिवस पर आधारित भजन, नृत्य की प्रस्तुति दी गई। एन के जैन ने बच्चों को पुरस्कृत किया। मौजिज व्यक्तियों द्वारा अपने संबोधन के माध्यम से दीक्षा का अर्थ समझाया गया। मंच संचालन संदीप जैन ने किया। दोनों दिनों में प्रवाभनाएं धीरज जैन, इंद्र जैन, डां एन के जैन, मोतीलाल जैन परिवार द्वारा वितरित की गई। जैन मुनियों ने अपने संबोधन के दौरान विभिन्न भावों वैराग्य, त्याग, संयम, व्यक्तित्व साधना, गुरू की महिमा, वृक्ष की महिमा, ज्ञान की ज्योति, शालीन व्यवाहारिक जीवन, अनुशासन,सन्यासी जीवन, सत्य विचार, संतों के संग आदि के सोपान को दीक्षा बताया। उन्होंने परमात्मा को पाने का प्रथम कदम इसी मार्ग से प्रशस्त होना बताया। महासचिव संदीप जैन ने बताया कि *ध्यान योगी तपसूर्य आचार्य सम्राट पूज्य शिव मुनि जी .सा की आज्ञानुवर्ति संयम सुमेरू आगम गगन चन्द्रिका पंजाब सिंहनी महासाध्वी श्री कौशल्या जी .सा की पौत्र शिष्या एवम श्रमण संघ श्रमणी शिरोमणी उपप्रवर्तिनी महासाध्वी श्री प्रोमिला जी .सा की सुशिष्या प्रवचन प्रभाविका मधुर वक्ता महासाध्वी श्री लक्ष्मी जी .सा, ओजस्वी वक्ता प्रियदर्शनीय गौरी जी . सा, शासन ज्योति डॉ. भावना जी .सा, तप चंद्रिका तपोमनी महासाध्वी वैशाली जी .सा (ठाणे -4) का वर्ष 2021 चातुर्मास चरखी दादरी श्री संघ को प्राप्त हुआ है। स्तुती जैन, अंशी जैन की दीक्षा दादरी में ही करवाने की विनति की गई। इस मौके पर बडी संख्या में जैन समाज के महिला, पुरूष, बच्चे मौजिज नागरिक तथा श्रद्धालु उपस्थित थे।

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