–जिले में अभी तक चार चिन्हित अपराध
उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को चिन्हित अपराध के बारे में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे अपराध जिनका सामाजिक रूप से बुरा प्रभाव पड़ता है, उन्हें चिह्नित अपराध की सूची में शामिल किया जाए। ऐसे अपराध करने वाले अपराधी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि इस प्रकार के अपराधों की पुनरावृति न हो।
उन्होंने कहा कि चिह्नित अपराधों में संलिप्त पाए जाने वाले अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे अपराधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से लेकर उन्हें सजा दिलाने तक कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। डीसी ने कहा कि हर माह के प्रथम मंगलवार को चिन्हित अपराध की बैठक होगी। उन्होंने कहा कि चिन्हित अपराधों पर कड़ी कार्यवाही जारी रहनी चाहिए।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवाल ने बताया कि चिह्नित अपराध की सूची में महिलाओं से जुड़े मामलों को शामिल किया जाता है। पोक्सो एक्ट के तहत अधिसूचित होने वाले मामलों को भी इसी श्रेणी में रखा जाता है। स्पेशल क्राइम जो समाज के लिए शर्मनाक साबित होते हैं, उन पर अंकुश लगाने के लिए ऐसे अपराधों को चिह्नित किया जाता है। महिलाओं के अधिकारों का हनन, छोटी बच्चियों के अपहरण व रेप करने जैसे अपराध चिह्नित सूची में शामिल किए जाते हैं।
पुलिस अधीक्षक जोरवाल ने कहा कि महिलाओं को भयमुक्त वातावरण प्रदान करने के साथ-साथ यौन अपराध की घटनाओं पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाना रेवाड़ी पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बैठक में बताया गया कि जिले में चार चिन्हित अपराध हैं, जिनमें से एक का निपटान हो गया है तथा शेष 3 पर कार्यवाही की जा रही है।
बैठक में जिला न्यायवादी हरपाल, पुलिस उप-अधीक्षक अमित भाटिया, जेल अधीक्षक उपस्थित रहे।