रणघोष खास. वोटर की कलम से
नगर निकाय चुनाव में खड़े प्रत्याशियों की मैनेजमेंट को संभाल रहे कुछ लोग भी अलग अलग खर्चों के नाम पर प्रत्याशी से अनाप- शनाप वसूली कर रहे हैं। पता चलते ही कुछ प्रत्याशियों ने ऐसे लोगों को प्रबंधन से निकाल दिया है। कुछ पर शक है। इसलिए मीडिया के कार्यालयों में विज्ञापन या कवरेज के नाम पर बनी पॉलिसी में खर्च हुई राशि को लेकर जानकारी ली जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि धारूहेड़ा में तो कुछ लोगों ने मीडिया में विज्ञापन एवं अन्य प्रचार प्रसार के नाम पर ही लाखों रुपए ले लिए और वह राशि वितरित भी नहीं हुईं। उधर जातिगत और अलग अलग प्रभाव से वोटों की ठेकेदारी लेने वालों पर भी प्रत्याशी की तरफ से पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है और लोटे में नमक डलवाकर यह संकल्प भी करवाया जा रहा है कि अगर वे उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे तो चुनाव के बाद यह राशि वसूल भी की जाएगी। यह निगरानी हर वार्ड में खड़े प्रत्याशियों पर ज्यादा रखी जा रही है जो अपने रसूक के वोटों को चालाकी से बेचने का ठेका लेते हैं। आमतौर पर ऐसे लोग सभी चुनाव लड़ने वाले मजबूत प्रत्याशियों से संपर्क में रहते हैं। पता होने पर इन प्रत्याशियों ने हर वार्ड में अपनी निगरानी टीम गठित कर दी है जो इन पर नजर रखकर रोज अपडेट रिपोर्ट देती रहेगी।