डंके की चोट पर : रमेश बिधुड़ी अपना माल बेच गए वो भी सही जगह से, बात खत्म

Pardeep ji logoरणघोष खास. प्रदीप नारायण

भाजपा सांसद रमेश बिधुड़ी ने कुछ भी गलत नहीं किया। वहीं किया जिसकी राजनीति बाजार में जबरदस्त डिमांड चल रही है। वे अपना माल सही जगह से सही समय पर बेच गए। अब इस माल के आयात—निर्यात पर प्रतिबंध लगाओ, शोर मचाओ, सड़क पर एक दूसरे को मारो काटो। अपनी अक्ल पर पत्थर रखकर वहीं करो जो धर्म जाति के नाम पर हो रहा है। कुछ होने वाला नहीं है। ज्यादा से ज्यादा बिधुड़ी माफी मांग लेंगे, उन्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा। यह सभी को पता है।  इसकी अब धीरे धीरे आदत पड़ने लगी है। इसलिए अजीब कुछ भी नहीं है। सही मायनों में भारत की संसद ओर सड़क हर रोज इस तरह का नया इतिहास लिख रही है। देखना कुछ दिन बाद यही बिधुड़ी धर्म जाति के ठेकेदारों के कार्यक्रमों में अलग अलग सम्मान से अलंकृत होते नजर आएंगे। बसपा सांसद दानिश अली ने बिधुड़ी के हमलों को जो झेला। राजनीति के बाजार में वे निजी तौर पर घाटे में नहीं रहेंगे। सहानुभूति उन्हें सम्मान के साथ संभालती रहेगी।  इसका संपूर्ण खामियाजा एक बार फिर उस भारतीय को भुगतना पड़ेगा जो अपने देश के संविधान को सबकुछ मानता है। ऐसा भी नहीं है कि बिधुड़ी गलती से नासमझ सांसद बने हैं। वह दिल्ली राज्य में भाजपा के महासचिव व 2014 लोकसभा चुनाव में एमपी उम्मीदवार रहे।  तीन बार विधायक बने । बिधुड़ी की जुबान से अमर्यादित- शर्मसार और देश की गरिमा को खंडित करने वाले शब्दों की बयार बेशक नई संसद में पहली बार बही हो। हकीकत यह भी है कि सड़कों पर, गली मोहल्लों में सभी धर्मों के ठेकेदार इन शब्दों का इस्तेमाल नाश्ता, लंच और डीनर की तरह करते हैं। कुल मिलाकर बिधुड़ी को लेकर अपना भाईचारा, आपसी प्रेम पर किसी सूरत में आंच मत आने दीजिए। राजनीति को बाजार की तरह देखिए। इसमें कारोबार करने वाला असलियत में अपनी दुकान से वहीं माल बेच रहा है जिसकी डिमांड है। जब तक यह लेख आपके पास पहुंचेगा देखना बिधुड़ी जैसा कोई ओर कारोबारी  धर्म जाति के नाम पर बने प्रोडेक्ट पर नई पॉलिश व डिजाइन कर उसे बेचता नजर आएगा। 2024 तक बाजार पूरी तरह चरम पर रहेगा। इसलिए संभलकर खरीददारी करें नहीं तो आपके घर का सामान भी सड़क पर जाएगा।

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