मॉडल टाउन स्थित आस्था ब्लैक बैंक के संचालक डॉ. नरेंद्र यादव अपनी पोजीशन और पद की गरिमा के खिलाफ विडियो में नजर आए। वे अपने किराएदार से गाड़ी खड़े करने के नाम पर सीधे मारपीट करते दिखे जबकि किराएदार की आपत्ति थी कि उसकी दुकान के आगे दिनभर उनकी गाड़ी खड़ी रहने से दुकान दब जाती है और सीधा उसके व्यवसाय पर असर पड़ता है। इतना ही नहीं विडियो में डॉ. नरेंद्र यादव ने मालिक होने का रौब दिखाया कि तुरंत दुकान खाली करो। नियमानुसार बकायदा एग्रीमेंट होता है ओर एक माह का नोटिस पीरियड होता है। गौर करने लायक बात यह है कि अप्रैल 2021 से दुकान किराए पर चल रही है। अगर डॉ. नरेंद्र को अपने किराएदार से परेशानी थी तो उन्होंने दुकान खाली करने का लिखित में नोटिस क्यों नहीं दिया। जबकि किराएदार की परेशानी वाजिब थी। वह लगातार डॉ. नरेंद्र से गाड़ी खड़ी नहीं करने की अपील करता रहा। अगर दुकान मालिक ही सुबह शाम उसकी दुकान के आगे गाड़ी खड़ी करेगा तो जाहिर है व्यवसाय प्रभावित होगा। किराएदार सौरभ गुप्ता एडवोकेट ने कहा कि उनके साथ पहले भी कई बार डॉ. नरेंद्र यादव मारपीट कर चुके हैं। पद की गरिमा व किराएदार होने के नाते वे बर्दास्त करते रहे। उन्होंने तो कोविड में भी बंद दुकान का पूरा किराया दिया। उन्होंने अपनी दुकान की डेकोरेशन पर लाखों रुपए खर्च किए हुए हैं। अचानक दुकान कैसे खाली हो सकती है। हमें नहीं पता था कि डॉक्टर भी अपनी पद की गरिमा से इतने नीचे गिर सकते हैं। अगर उनकी जगह कोई दंबग या चालाक किराएदार होता तो शायद यह रौब दिखाने की हिम्मत नहीं दिखाते। अपने हिसाब से दुकान का पूरा किराया लेते हैँ और सहयोग करना तो दूर किराएदार से ऐसे व्यवहार किया मानो दुकान देकर अहसान कर रहे हो। पुलिस ने मिली सौरभ गुप्ता की शिकायत पर कार्रवाई शुरू कर दी है।