शुक्रवार को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि देश में सर्वाधिक कोविड -19 सक्रिय कोरोना मामलों वाले शीर्ष दस राज्यों में से तीसरे, दिल्ली ने नवंबर में सर्दी, त्यौहार के मौसम और प्रदूषण में वृद्धि के मामलों में अपेक्षित उछाल के बावजूद कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया। ।
गृह मंत्रालय (MHA) ने कहा, “दिल्ली की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (GNCTD) ) इस बात से अवगत थी कि सर्दियों, त्योहारों के मौसम और प्रदूषण के मिलने से मामलों में वृद्धि होने की संभावना है।
पिछले महीनों में आयोजित कई दौर की बैठकों के दौरान गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के कार्यों में कथित कमियों की ओर इशारा करते हुए, हलफनामे में खुलासा किया गया कि अरविंद केजरीवाल सरकार को नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समूह द्वारा पहले से सूचित किया गया था कि दिल्ली को नवंबर में प्रति दिन लगभग 15,000 मामलों की वृद्धि का अनुमान है और तदनुसार लगभग 6,500 ICU बिस्तरों का इंतजाम हो।
एमओयू संयुक्त सचिव संदीप कुमार जिंदल द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया कि “इस सिफारिश के बावजूद जीएनसीटीडी ने आईसीयू बेड को लगभग 3,500 के वर्तमान स्तर से बढ़ाने के लिए समय पर कोई उपाय नहीं किया, इस प्रकार दिल्ली में स्वास्थ्य और चिकित्सा बुनियादी ढांचे पर अचानक दबाव आ गया।”
बता दें कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 5482 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि नए मामलों के मुकाबले ठीक होने वालों की संख्या अधिक रही और आज 5937 लोग इलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो गए। बीते 24 घंटे में कोरोना से 98 लोगों की मौत हुई है। शुक्रवार रात को जारी हुई दिल्ली सरकार की हेल्थ बुलेटिन में इस बात की जानकारी दी गई है।
बुलेटिन के मुताबिक, 5482 नए मामलों के साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या अब 5 लाख 56 हजार 744 हो गई है। इसमें से 5 लाख 09 हजार 654 लोग इलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से डिस्चार्ज कर दिया गया है। 98 मौतों के साथ मृतकों की संख्या अब 8909 तक जा पहुंची है।