गांव गोठड़ा निवासी 76 साल के रिटायर सुबेदार सुमेर सिंह एक साल की लंबी बीमारी से लड़ने के बाद सभी को छोड़कर विदा हो गए। इनकी पहचान दूसरो को इज्जत देकर खुश रहने वाले शख्सियत के तौर पर जानी जाती थी। यहां के लोगों का कहना था कि सुमेर सिंह हर मिलने वालों की समस्या को अपनी समझ लेते थे। वे दूसरो को इज्जत देकर खुश रहते थे। उनका व्यवहार एवं आचार विचार ठीक उस गौ माता की तरह था जो बेहद दयालु एवं ममतामयी से सभी के दिल में वास करती है। बड़े बेटे की अचानक मृत्यु के बाद वे मानसिक तौर पर काफी आहत हो गए थे लेकिन परिवारिक जिम्मेदारी के चलते खुद को संभाले हुए थे। उनकी लोकप्रियता इतनी ज्यादा थी कि जनता ने उनकी पुत्रवधु एकता यादव जिला पार्षद बनाया। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा मिले इसके लिए गांव मामडिया ठेठर में सूर्योद सीनियर सेकेंडरी स्कूल की स्थापना की जिसके वे खुद डायरेक्टर रहे। उनके छोटे बेटे रवि यादव चंडीगढ़ स्थित सरकारी विभाग में कार्यरत है।