पर्दे के पीछे चंदा इज everywhere की कहानी

एक महीने की कड़ी मेहनत, टीम के जुनुन से जन्मी यह फिल्म


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

दरअसल किसी भी सफलता के पीछे लंबा संघर्ष का सफर तय करना होता है। इस लघु फिल्म को बनाने में भी एक माह से अधिक का समय लगा। शहर में जगह जगह संडाध मारते कूड़े  के ढेर में तपती धूप में घंटों खड़े होकर सभी ने अपना बेहतर देने का प्रयास किया। कहानी पूरी वास्तविक घटना पर आधारित थी। जिसमें गंदगी ओर कचरों के बीच अपने परिवार के लिए लड़ती जूझती चंदा की असल जिंदगी के सच को दिखाने के लिए फिल्म में पर्दे के सामने ओर पीछे काम करने वाली टीम व बंजारा नाट्य संस्था के कलाकारों  इस फिल्म का श्रेय जाता है। इसमें आइडिया माडल टाउन निवासी सामाजिक शख्सियत नवीन अरोड़ा की सोच से निकला जिसकी कहानी, संवाद एवं गीत दैनिक रणघोष के संपादक प्रदीप नारायण ने लिखे ओर निर्देशन की कमान विजय भाटोटिया ने संभाली। क्रिएटिव डायरेक्टर सुशील योगी ने कलाकारों से जी तोड़ मेहनत कराईं।  फिल्म में मुख्य भूमिका प्रख्यात हरियाणवी फिल्म अभिनेत्री एवं लोक नृत्यांगना लीला सैनी ने चंदा का , पति का रोल एडवोकेट विनय सैनी, चाय वाला खुबराम सैनी, रिक्शा वाला ऋषि सिंहल,  शराबी बेटे की भूमिका विनोद शर्मा,  एडिटिंग सत्या प्रकाश सैनी, चंदा के पोते का रोल मास्टर अंश नारायण ने निभाया। बेबी सुमन, गीता शर्मा भी घर की मालकिन व अन्य किरदार में रहे।  फिल्म के मीडिया पार्टनर दैनिक रणघोष है। 6-7 अक्टूबर 2023 को हरियाणा में हिसार के गुरु जंभेश्वर विवि में आयोजित इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल ऑफ ग्रेट हरियाणा में इस फिल्म को बेस्ट स्टोरी अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। पिछले दिनों हैदराबाद में हुए फेस्टिवल में इस फिल्म को सम्मान मिला है।

 

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