पीएम केअर्स फंड की ओर से मंगाए गए वेंटिलेटर्स की गुणवत्ता पर अब सवाल उठने लगा है। पिछले साल पीएम केअर्स फंड के तहत पंजाब में उपलब्ध वेंटिलेटर्स की एक बड़ी तादाद इस्तेमाल में नहीं लाई जा रही है। इसके पीछे वेंटिलेटर्स की खराब गुणवत्ता वजह बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि ये वेंटिलेटर कुछ देर चलने के बाद बंद हो जा रहे हैं।
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज फरीदकोट के वीसी ने बताया हमें पीएम केयर्स फंड के तहत 82 वेंटिलेटर दिए गए। इन 82 वेंटिलेटरों में से, 62 शुरुआत से काम करने की स्थिति में नहीं थे क्योंकि ये अच्छी गुणवत्ता के नहीं हैं। आज, हमारे पास काम करने की स्थिति में केवल 42 वेंटिलेटर हैं।वहीं कोटकापुर के आम आदमी पार्टी के विधायक कुलतार सिंह संधवान ने आरोप लगाया है कि पीएम कार्स फंड के तहत आपूर्ति किए गए वेंटिलेटर गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज और अस्पताल फरीदकोट में इस्तेमाल में नहीं है। उन्होंने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से कार्रवाई करने का आग्रह किया।बता दें कि स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 11 अप्रैल को इसके लिए पंजाब की सरकार को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि 2020 से स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों को कोरोना के खिलाफ वेंटिलेटर उपलब्ध करा रहा है। यह राज्यों के मांग के आधार पर भेजे जा रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा, पंजाब की मांग के मुताबिक 809 वेंटिलेटर्स भेजे गए थे। इनमें से 558 वेंटिलेटर्स का इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन अभी भी 251 वेंटिलेटर्स ऐसे ही रखे हैं।