असम के 1.06 लाख लोगों को मिला जमीनी पट्टा; कोलकाता में ममता के साथ साझा करेंगे मंच
देश में आज आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई जा रही है। इस मौके को केंद्र सरकार ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का ऐलान किया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार असम और पश्चिम बंगाल दौरे पर हैं। पीएम मोदी शनिवार को सबसे पहले असम पहुंचे। दोनों राज्यों में इस साल चुनाव होने हैं। असम में पीएम मोदी ने कहा, शिवसागर के महत्व को देखते हुए इसे देश की 5 सबसे आइकोनिक आर्कियोलॉजिकल साइट में शामिल करने के लिए सरकार जरूरी कदम उठा रही है। इस दौरान शिवसागर में पीएम मोदी ने एक लाख 6 हजार असम के भूमिहीन लोगों को जमीनों का पट्टा दिया। इस मौके पर पीएम ने वहां एक जनसभा को संबोधित किया और कहा कि धरती हमारी माता के समान हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों ने भूमिहीनों को जमीन देने में कोई रूचि नहीं दिखाई थी। लेकिन इस सरकार में सवा दो लाख परिवार को जमीन के पट्टे दिए गए अब एक लाख परिवार इसमें और जुड़ गए हैं। इसके बाद पीएम मोदी कोलकाता पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में शाम करीब पांच बजे से पराक्रम दिवस समारोह के उद्दाटन समारोह की अध्यक्षता करेंगे। आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी आमंत्रित किया गया है। ममता और पीएम मोदी दोनों एक मंच पर होंगे। कोलकाता जाने से पहले प्रधानमंत्री असम पहुंचे। असम में विधानसभा चुनाव को देखते हुए पीएम का यह दौरा बेहद खास माना जा रहा है। उन्होंने आज शिवसागर के जेरेंगा पठार में आज 1.06 लाख की भूमि पट्टा आवंटन प्रमाण पत्र वितरण किया। मोदी ने कहा कि नेताजी के आदर्श एक मजबूत, दृढ़ और आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में देशवासियों को प्रेरित करते रहेंगे। पीएम मोदी इसके बाद कोलकाता में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ समारोह को संबोधित करेंगे। इस मौके पर पीएम ने ट्वीट कर स्वतंत्रता सेनानी को याद किया और लिखा, ‘महान स्वतंत्रता सेनानी और भारत माता के सच्चे सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। कृतज्ञ राष्ट्र देश की आजादी के लिए उनके त्याग और समर्पण को सदा याद रखेगा।’ इसके साथ ही सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती से एक दिन पहले, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचलित स्वतंत्रता सेनानी को समृद्ध श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके विचारों और आदर्शों को एक मजबूत, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रेरित बताया, जिस पर उन्हें गर्व होगा। अपने एक ट्वीट में मोदी ने नेताजी के संघ को याद किया और गुजरात के हरिपुरा और लोगों से शनिवार दोपहर को आयोजित होने वाले एक विशेष कार्यक्रम को देखने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा ‘मैं हरिपुरा के लोगों का प्यार कभी नहीं भूल सकता, जिन्होंने मोदी उस सड़क पर यात्रा निकालने का सौभाग्य प्रदान किया जिस पर 1938 में नेताजी को ले जाया गया था। उनकी यात्रा में एक सजा हुआ रथ भी शामिल था जिसे 51 बैल खींच रहे थे। मैंने उस स्थान का भी दौरा किया था जहां नेताजी ठहरे थे।’