राज्यसभा में सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों से आंदोलन को खत्म करने की अपील की थी। जिसमें पीएम ने कहा कि एमएसपी था, है और रहेगा। किसानों से बातचीत के लिए सरकार तैयार है। मोदी की इस अपील का भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन एमएसपी पर कानून बनना चाहिए। अब किसान संगठनों ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो अगली बातचीत की तारीख तय करें। पीएम मोदी की एमएसपी वाली बातों पर टिकैत ने कड़ी टिप्पणी की। राकेश टिकैत ने पीएम के अपील पर टिप्पणी करते हुए एक ट्वीट में लिखा कि “एमएसपी दो राज्यों के अलावा न था न है न रहेगा, देश को गुमराह न करे हुक्मरान।” पीएम मोदी ने सदन में कहा कि पिछले कुछ समय से इस देश में “आंदोलनजीवियों” की एक नई जमात पैदा हुई है जो बिना आंदोलन के नहीं जी सकती है। दरअसल, केंद्र और किसानों के बीच अब तक दस दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन, कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने बीते महीने मामले पर सुनवाई करते हुए अंतरिम रोक लगा दी थी। अंतिम दौर की बातचीत में सरकार कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक रोक लगाने पर सहमति जताई थी। जिस पर किसानों ने हामी भरने से इंकार कर दिया था। दरअसल, किसान कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। किसान नेताओं ने सरकार के साथ 10वें दौर की वार्ता के बाद जानकारी देते हुए कहा था, “सरकार ने कहा है कि हम कोर्ट में एफिडेविट देकर क़ानून को एक से डेढ़ साल तक होल्ड पर रख सकते हैं। कमेटी बनाकर चर्चा करके, कमेटी जो रिपोर्ट देगी, हम उसको लागू करेंगे।”