पूर्व मंत्री जगदीश यादव पर विधायक लक्ष्मण यादव का कटाक्ष पर सीधी सपाट बात

विधानसभा चुनाव में साथ साथ, अब विरोधी, समर्थक खुद को समझ रहे ठगा


रणघोष खास. कोसली


छोटे- बड़े चुनाव के समय नेताओं की फिदरत उस मासूम बच्चे की तरह रहती है जिसका कान पकड़कर कोई भी कुछ भी करवा ले, मनवा ले शिकायत तक नहीं करेंगे। उसके बाद यही नेता बच्चे से अपने असली चरित्र में आ जाते हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री जगदीश यादव को जब टिकट नहीं मिली तो उन्होंने भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह यादव का समर्थन किया। साथ साथ नजर आए। वर्तमान में अब एक दूसरे की खिलाफत में उतर आए हैं। शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में लक्ष्मण यादव ने एक सवाल के जवाब में पूर्व मंत्री जगदीश यादव पर जमकर हमला बोला। कहां कि वे संगठन की गहराई को नहीं जानते। वे एक एजेंडे के तहत आते हैं उनका संगठन से दूर तक कोई लेना देना नहीं होता। उन्होंने मेरे विधानसभा चुनाव में कितनी मदद की यह पब्लिक है सब जानती है। जहां तक जमीनी हैसियत की बात है विधानसभा का रिकार्ड निकलवा लिया जाए सबकुछ सामने आ जाएगा। इससे पहले पूर्व मंत्री जगदीश यादव ने कुछ दिन पहले अपने समर्थकों की मीटिंग में कोसली के पिछड़ेपन के लिए कमजोर प्रतिनिधित्व को जिम्मेदार माना था। उनके निशाने पर विधायक लक्ष्मण यादव भी थे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि विधानसभा चुनाव में जब दोनों दिग्गज नेता एक साथ नजर आए तो उनके समर्थकों ने दोनों पर भरोसा किया। चुनाव के बाद अब एक दूसरे के खिलाफ होते जा रहे हैं ऐसे में कीमत उन समर्थकों को चुकानी पड़ती है जो पांच साल में एक बार वोट के तौर पर अपनी ताकत का प्रयोग करता है। जिसके प्रति आस्था रखता है उसी आधार पर मतदान करता है। उसके बाद एकाएक उनके नेता एक दूसरे के खिलाफ हो जाए तो वह खुद को ठगा पाता है। पूर्व मंत्री जगदीश यादव एवं विधायक लक्ष्मण यादव के बीच आई खटास इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

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