प्रदेश का बजट एक ढकोसला:महेंद्र राठी

हरियाणा प्रदेश का बजट प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा सदन के पटल पर बड़े उत्साह में रखा गया और बजट में बड़ी-बड़ी बातें कही गई  हैं। सीएम ने 2 घंटे 34 मिनट तक इस बजट को पढ़ा।  बजट पढ़ते पढ़ते  सी एम महोदय को  सांस भी चढ गए । परंतु प्रदेशवासियों के लिए बजट में कुछ नया नहीं मिला।  यह बजट मात्र एक ढकोसला है और आंकड़ों का एक  लच्छेदार भाषण।  अपने पुराने वादों को बार-बार किसी न किसी बहाने बीजेपी सरकार कभी संकल्प के नाम पर,  कभी घोषणा के नाम पर तो कभी बजट के नाम पर दोहराती  रहती है।  वास्तव में यह सरकार काम करने वाली सरकार न होकर झांसा देने वाली सरकार है । बुजुर्गों की सम्मान पेंशन 5100 रुपए वाली बात को मात्र ₹250 में समेट दिया और वह भी 1 जनवरी की बजाय 1 अप्रैल तिथि रख दी। कर्मचारियों और प्रदेश के पेंशनरों  के  रोके गए महंगाई भत्ते व अन्य भत्तों का जिक्र तक नहीं किया ।

बजट को पसंद करने वालों में मनोहर लाल के मंत्रिमंडल के कुछ मंत्री और बीजेपी के कुछ  विधायकों की लंबी लिस्ट हो सकती है।  परंतु प्रदेश  की आम जनता को इस बजट से बहुत अधिक निराशा हुई है । कोरोना महामारी के पुन:  प्रदेश में सिर उठाने  को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री को आम जनता के स्वास्थ्य,  उनकी रोजी-रोटी, बेरोजगारों को रोजगार, विद्यार्थियों की शिक्षा, महिलाओं की सुरक्षा और अमन शांति तथा किसानों की मांगों को ध्यान में रखकर  एक बैलेंसड  बजट देना चाहिए था।  मनोहर सरकार के इस बजट को देखकर यह साबित हो गया है कि बीजेपी सरकार हर पटल पर फेल हो चुकी है और उसे गद्दी पर रहने का कोई हक नहीं है।

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