प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के पूर्व प्रधान डॉ. सूर्यकमल की कोरेाना के चलते मृत्यु हो गईं। 12 अप्रैल के आस पास उन्होंने वैक्सीन लगाई थी। परिजनों का कहना है कि उनके बाद से उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती थी। बाद में सामान्य भी हुए फिर एक दो दिन बाद कोरोना पॉजीटिव हो गए। उन्हें पहले से शुगर की प्रॉब्लम भी थी। करीब चार दिन से वे रेवाड़ी के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। इस घटना से शिक्षा जगत पूरी तरह से सदमें हैँ। हर कोई इस खबर को सुनने के बाद यकीन नहीं कर पा रहा है कि एक हंसता खेलता मुस्कराता और नियम कायदों से चलने वाला यह शख्स इतनी जल्दी छोड़कर चला जाएगा। उनके करीबी मित्र और एसोसिएशन के सदस्य चौधरी रणबीर सिंह बताते हैं कि जब उन्होंने वैक्सीन लगवाई थी अगले दिन उनका हमारे साथ चंडीगढ. शिक्षा मंत्री से मिलने का कार्यक्रम तय हुआ था। वे चलने के लिए तैयार हो गए थे लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने कहा कि शरीर साथ नहीं दे रहा है। हमने उन्हें वापस घर भेज दिया था। वे इतनी जल्दी चले जाएंगे। भरोसा ही नहीं हो रहा है। डॉ. सूर्यकमल की मृत्यु सही मायनों में एक बड़ा सबक है। पहली कोरोना के प्रति बरती जा रही कोताही को किसी सूरत में बर्दास्त मत करिए। दूसरों को सलाह या दिशा निर्देश देने से पहले खुद ही उस पर अमल करें। अपने आस पास या मिलने वालों को इसके प्रति जागरूक करें। अस्वस्थ्य महसूस करें तो उसे अनदेखा ना करें। डॉक्टरों से संपर्क करें। सबसे बड़ी बात वैक्सीन लगवाते समय डॉक्टर्स से अपनी पहले से चल रही बीमारी के बारे में चर्चा जरूर कर लें। उनकी गाइड लाइन पर ही अमल करें।