पढ़िए नेट जेआरएफ हासिल करने वाले विकास माया की कहानी

माता-पिता मजदूरी करते हैं, अभी भी जारी है जिंदगी का संघर्ष


रणघोष खास. कुंड. विकास माया की कलम से


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मेरा गांव कुंड है। रेलवे स्टेशन लाइन पार अपने छोटे से परिवार के साथ रहता हूं। माता-पिता दिन रात मजूदरी करते है ताकि मेरी पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आए। मैने हाल ही घोषित यू जी सी नेट 2020 के परीक्षा परिणाम में  प्रथम प्रयास में ही समाज शास्त्र विषय से जूनियर रिसर्च फेलोशिप जेआरएफ प्राप्त कर लिया है। मेरे पिताजी मजदूरी करते हैं वह माताजी घर खेतों में काम करती है। वे मेरी पढ़ाई के लिए दिन रात मेहनत करते हैं। मेरी छोटी सी इस कामयाबी का श्रेय  माता-पिता व भाई को जाता है। जिन्होंने विकट परिस्थितियों में मेरे हौसले को कमजोर नहीं होने दिया। गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से लेकर  राजकीय वरिष्ठ सीनियर सेकेंडरी स्कूल तक पढ़ाई की। उसके बाद उच्च शिक्षा  के लिए  कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया। विज्ञान के साथसाथ सामाजिक अध्ययन में समाज से जुड़े विषयों में मेरी दिलचस्पी रही।  जिसके चलते सारा ध्यान इन विषयों पर केंद्रित कर दिया। फिलहाल मै हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ में मास्टर ऑफ आर्ट इन सोशालॉजी समाजशास्त्र के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत हूं। मेरा मानना है कि जीवन में जो भी चुनौतियां आती है वह आपको बेहतर बनाने के लिए आती है। उसका स्वागत कीजिए।

 

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