जम्मू-कश्मीर में मौजूदा हालात पूर्व के मुकाबले बेहतर होते हुए नजर आ रहे हैं. केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पहले जवानों पर हमले, पत्थरबाजी और घुसपैठ के आंकड़े हमेशा बढ़ते नजर आते थे. लेकिन फिलहाल जो अभी आंकड़ा न्यूज18 को प्राप्त हुआ है. उससे ये साफ पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर की आबो-हवा में शांति स्थापित हो गई है. न्यूज18 द्वारा प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर में पथराव लगभग पूरी तरह से समाप्त हो गया है. 2020 की पहली छमाही के बाद से घटनाओं में 99 प्रतिशत की कमी आई है.
डेटा से यह भी जानकारी मिली है कि सुरक्षा बलों के बीच हताहतों की संख्या में 60 प्रतिशत की कमी आई है, हालांकि आईईडी एक चिंता का विषय अभी भी बना हुआ है. इस वर्ष जी20 की बैठक भी श्रीनगर में आयोजित हुई. केंद्रीय गृह मंत्रालय जम्मू-कश्मीर पर नजर रखता है और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए नियमित अंतराल पर बैठकें करता रहता है. केंद्र शासित प्रदेश में सकारात्मक नतीजों का श्रेय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व को दिया जा सकता है, जो नियमित रूप से विकास और सुरक्षा मुद्दों का जायजा लेते हैं।.
पथराव की घटनाओं में आई भारी कमी
आंकड़ों के अनुसार, 2020 के पहले छह महीनों में स्थानीय अधिकारियों द्वारा पथराव की कुल 324 घटनाएं दर्ज की गईं. अगले साल, ऐसी घटनाओं में गिरावट देखी गई और घटकर 179 रह गईं. इसी तरह, 2022 और 2023 में भी इसी अवधि के लिए , रिपोर्ट की गई घटनाओं की कुल संख्या 50 और 3 थी. वहीं जम्मू-कश्मीर में शहीद सुरक्षा कर्मियों की संख्या में 2020 के बाद से भारी गिरावट देखी गई है, यह आंकड़ा 32 से घटकर 11 हो गया है.
विस्फोटकों की बरामदगी में आई भारी कमी
जम्मू-कश्मीर से विस्फोटकों और ग्रेनेड की बरामदगी में भी कमी आई है. 2021 में सुरक्षा बलों ने करीब 68 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए. इस वर्ष पहली छमाही में यह संख्या शून्य है. ग्रेनेड बरामदगी 2020 में 266 से घटकर 2023 में 83 हो गई है. आंकड़ों से पता चला है कि 2020 से 2023 की पहली छमाही तक जम्मू-कश्मीर से कुल 728 ग्रेनेड और 102.75 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए गए हैं.
हथियारों की बरामदगी भी हुई कम
जम्मू-कश्मीर में बलों और स्थानीय पुलिस द्वारा सुरक्षा अभियानों के परिणामस्वरूप केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादियों की संख्या में कमी आई है. इससे हथियारों की बरामदगी भी 246 से घटकर 73 हो गई है, जो घाटी में हथियारों की कम आपूर्ति का संकेत है. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2020 से 2023 के पहले छह महीनों के बीच 770 हथियार बरामद किए गए हैं.
सरकार के लिए IED बनी चुनौती
हालाँकि, सकारात्मक बदलावों के बावजूद, आईईडी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. क्योंकि आईइडी बरामदगी में वृद्धि देखी गई है. जबकि 2020 में आईईडी की कोई बरामदगी नहीं हुई, 2021 में पांच आईईडी बरामद किए गए. 2022 में यह संख्या बढ़कर 17 हो गई और 2023 में यह 15 हो गई. पिछले संसद सत्र में गृह मंत्रालय ने कहा था कि सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है.
घुसपैठ से निपटने के लिए सरकार ने उठाए कई कड़े कदम
मंत्रालय ने संसद में यह भी कहा था कि सरकार ने सीमा पार घुसपैठ से निपटने के लिए एक समन्वित और बहुआयामी रणनीति अपनाई है. इसमें अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी)/नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बलों की सामरिक तैनाती, निगरानी कैमरे, नाइट विजन कैमरे, हीट सेंसिंग गैजेट्स आदि जैसी तकनीक का उपयोग, आईबी/एलओसी पर बहु-स्तरीय तैनाती, सीमा पर बाड़ लगाना शामिल है.
Wow, amazing weblog layout! How lengthy have you been blogging for?
you make blogging look easy. The entire glance of your web site is
magnificent, let alone the content! You can see similar here sklep internetowy